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हिंदू धर्म में दीप जलाने का महत्व है बेहद खास, जानें जीवन को कैसे रोशन कर देता है दिया

दीपावली का पर्व जब आता है तो दीपों की रोशनी से घर-आंगन से लेकर आसमान तक जगमगाने लगते हैं. इस अवसर पर दीप जलाना केवल घर को रौशन करना नहीं है बल्कि भीतर के अंधकार को दूर करने का संकल्प भी है. भारतीय संस्कृति में दीप जलाने को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना गया है.

हिंदू धर्म में दीप जलाने का महत्व है बेहद खास, जानें जीवन को कैसे रोशन कर देता है दिया
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 30 Oct 2024 4:14 PM

Importance Of Diya: दीपावली का पर्व जब आता है तो दीपों की रोशनी से घर-आंगन से लेकर आसमान तक जगमगाने लगते हैं. इस अवसर पर दीप जलाना केवल घर को रौशन करना नहीं है बल्कि भीतर के अंधकार को दूर करने का संकल्प भी है. भारतीय संस्कृति में दीप जलाने को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना गया है. आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य शशिशेखर त्रिपाठी से दीपक के महत्व के बारे में.

प्रार्थना का माध्यम

प्राचीन धार्मिक परंपराओं में दीपक को अग्नि देवता का प्रतीक माना गया है. हर धार्मिक अनुष्ठान का आरंभ दीप जलाने से होता है, जो भक्त की प्रार्थना को देवताओं तक पहुंचाता है. ऋग्वेद में वर्णित है कि अग्नि के प्रकट होते ही अंधकार स्वतः ही समाप्त हो जाता है. इस प्रकार दीपक आत्मा की शुद्धि और मन की शांति के प्रतीक के रूप में कार्य करता है.

जीवन में मानसिक और भावनात्मक अंधकार को दूर करने के लिए भी दीपक का प्रकाश महत्वपूर्ण है. इसे तीनों लोकों, तीन कालों, और जीवन के तीन अवस्थाओं से जुड़े अंधकार को मिटाने वाला कहा गया है. दीपक का प्रकाश हमारे भीतर साहस और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, घर का कोई भी हिस्सा अंधेरे में नहीं रहना चाहिए. दीपावली ही नहीं, प्रतिदिन कुछ समय के लिए घर में रौशनी करनी चाहिए. जहां दीप जलता है वहां लक्ष्मी का वास होता है और ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है.

अमावस्या और दीपावली पर विशेष ऊर्जा

दीपावली का यह पर्व विशेषतः कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है. ऋषियों के अनुसार, अमावस्या की रात में दीप जलाने से वातावरण में ऊर्जा और संतुलन बना रहता है. सूर्य के तुला राशि में होने के कारण इस समय पृथ्वी पर प्रकाश कम होता है.

पूजा स्थल पर दीपक का स्थान

दीपक को पूजा स्थल पर रखने से पहले उसका उचित स्थान निर्धारित करना आवश्यक है. चावल, गोबर, या धातु के आसन पर दीपक रखना शास्त्रों के अनुसार शुभ माना गया है. यह ईश्वर तक हमारी प्रार्थना पहुंचाने वाले दूत के प्रति सम्मान का प्रतीक है.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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