आज होगा सूर्य ग्रहण, क्या भारत में दिखेगा, जानें क्यों अद्भुत होगा इसका नजारा?
आज यानी 2 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण है. इस दौरान सूर्य कुछ समय के लिए छिप जाता है. सूर्य ग्रहण तीन प्रकार का होता है. यह एक खगोलीय घटना है. हिंदू धर्म में ग्रहण से जुड़ी कई मान्यताएं हैं, जिन्हें आज भी लोग मानते हैं.

सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जिसमें चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य की रोशनी कुछ या पूरी तरह से पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती है. साल में सूर्य ग्रहणों की संख्या आमतौर पर 2 से 5 के बीच होती है. यह संख्या हर साल बदल सकती है. एक साल में अधिकतम 5 सूर्य ग्रहण हो सकते हैं, लेकिन अक्सर 2 या 3 होते हैं .ग्रहणों के ये आंकड़े चंद्रमा की कक्षा और पृथ्वी की स्थिति पर निर्भर करते हैं. आज यानी 2 अक्टूब के दिन साल का दूसरा सूर्य ग्रहण है.
क्या भारत में नज़र आएगा ग्रहण?
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा, लेकिन आंशिक सूर्य ग्रहण पूरे दक्षिण अमेरिका में दिखेगा. इसके अलावा, ब्राज़ील, चिली, पेरू, अर्जेंटीना, फिजी, न्यूजीलैंड, कूकल आइलैंड, आर्कटिक, बेका आइलैंड समेत कई हिस्सों में लोग सूर्य ग्रहण देख पाएंगे.
क्या है रिंग ऑफ फायर?
2 अक्तूबर को वलयाकार सूर्य ग्रहण लगेगा. यह तब होता है, जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढकने के लिए पृथ्वी से बहुत दूर होता है. इसके कारण अंधेरे चंद्रमा के चारों ओर प्रकाश का एक घेरा बन जाता है, जो रिंग ऑफ फायर जैसा दिखता है.
सूर्य ग्रहण का सूतक काल
सूतक काल एक धार्मिक और सांस्कृतिक अवधारणा है, जो मुख्यतः ग्रहण के समय से जुड़ी होती है सूतक काल आमतौर पर ग्रहण के शुरू होने से पहले के कुछ घंटे और ग्रहण के दौरान तक रहता है. पूर्ण ग्रहण के लिए यह समय लगभग 12 घंटे और आंशिक ग्रहण के लिए कम होती है. इस साल भारत में सूर्य ग्रहण नजर नहीं आएगा. ऐसे में सूतक काल मान्य नहीं होगा.
सूर्यग्रहण से जुड़ी मान्यताएं
सूर्य ग्रहण के दिन कई लोग कुछ खास धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के अनुसार कुछ काम करते हैं. हिंदू धर्म में ग्रहण के दौरान खाना बनाना और खाना अशुभ माना जाता है. इस दौरान गर्भवती महिलाओं को बाहर जाने से मना किया जाता है.