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Kharmas 2024: 15 दिसंबर से शुरू हो रहा है अशुभ महीना, जानें क्या करें और क्या न करें

धार्मिक दृष्टि से खरमास का बहुत महत्व है. यह वर्ष 2024 में 15 दिसंबर से शुरू होकर 14 जनवरी तक चलेगा. खरमास का आरंभ धनु संक्रांति के साथ होता है. इस महीने को अशुभ माना जाता है और इसमें कोई भी शुभ कार्य जैसे शादी, गृह प्रवेश, वाहन खरीदारी या नया व्यापार शुरू करने की मनाही होती है.

Kharmas 2024: 15 दिसंबर से शुरू हो रहा है अशुभ महीना, जानें क्या करें और क्या न करें
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 30 Nov 2024 10:01 PM

Kharmas 2024: धार्मिक दृष्टि से खरमास का बहुत महत्व है. यह वर्ष 2024 में 15 दिसंबर से शुरू होकर 14 जनवरी तक चलेगा. खरमास का आरंभ धनु संक्रांति के साथ होता है. इस महीने को अशुभ माना जाता है और इसमें कोई भी शुभ कार्य जैसे शादी, गृह प्रवेश, वाहन खरीदारी या नया व्यापार शुरू करने की मनाही होती है.

खरमास में क्या करें?

हालांकि, खरमास का महीना पूजा-पाठ और भक्ति के लिए बेहद शुभ माना जाता है. इस दौरान भगवान सूर्य और भगवान विष्णु की आराधना करने से विशेष फल मिलता है. जानिए, कौन-कौन से काम खरमास के दौरान कर सकते हैं:

• पूजा-पाठ: नियमित पूजा और भजन-कीर्तन करें.

• दान-पुण्य: गरीबों और जरूरतमंदों को अन्नदान करें.

• सूर्यदेव की पूजा: स्नान के बाद सूर्य को जल अर्पित करें और रविवार को विशेष पूजा करें.

• तुलसी की पूजा: तुलसी के पौधे के पास दीप जलाएं और उसे जल अर्पित करें.

• मंत्र जाप: ग्रहों की शांति के लिए मंत्र-जाप करें.

• पशु-पक्षियों को अन्न खिलाएं: इस दौरान भूखे पशु-पक्षियों को भोजन कराना शुभ माना जाता है.

खरमास में क्या न करें?

खरमास के दौरान शुभ और मांगलिक कार्य पूरी तरह वर्जित होते हैं.

• शादी और सगाई: विवाह और अन्य मांगलिक कार्यक्रम न करें.

• नया काम शुरू न करें: व्यापार, घर बनवाना, या वाहन खरीदने जैसे नए कार्य न करें.

• तामसिक भोजन से बचें: मांसाहार और नशीले पदार्थों से दूर रहें.

खरमास क्यों अशुभ होता है?

जब सूर्यदेव धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो बृहस्पति ग्रह कमजोर हो जाते हैं. गुरु ग्रह को भाग्य और शुभता का कारक माना जाता है. इसके कमजोर होने से शुभ कार्यों में सफलता नहीं मिलती. इसी वजह से खरमास में नए काम करने की मनाही होती है.

इस बार का खरमास बनाएं खास:

इस अवधि में भक्ति और पुण्य कार्यों पर ध्यान दें. यह समय आत्मशुद्धि और ईश्वर की आराधना के लिए सबसे अच्छा माना जाता है.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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