केतु का सिंह राशि में गोचर, इन 3 राशि वालों को होगा सबसे ज्यादा फायदा
केतु वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है. यह छाया ग्रह है, जैसे राहु. यह ग्रह राहु के विपरीत दिशा में होता है और दोनों को मिलाकर "छाया ग्रहों की जोड़ी" कहा जाता है. केतु का स्वभाव गूढ़, रहस्यमय और आध्यात्मिक होता है.

ज्योतिष में केतु को अध्यात्म, मोक्ष, त्याग और रहस्य का कारक ग्रह माना गया है. राहु के साथ केतु भी 18 मई 2025 को राशि परिवर्तन करने वाले हैं. केतु 18 मई को शाम 7 बजकर 35 मिनट पर कन्या राशि से निकलकर सिंह राशि में आ जाएगा. केतु को सिंह राशि में गोचर करना वैदिक ज्योतिष में अच्छा नहीं माना जाता है.
लेकिन तीन राशि के लोगों के लिए केतु का गोचर किसी चमत्कार से कम नहीं है. आइए जानते हैं कौन सी हैं वे राशियां जिनके ऊपर केतु का शुभ प्रभाव देखने को मिलेगा.
मिथुन राशि
केतु का गोचर सिंह राशि में होने के कारण यह मिथुन राशि के जातकों के लिए उनके तीसरे भाव में गोचर करेगा. तीसरा भाव साहस, आत्मविश्वास और पराक्रम का होता है. ऐसे में केतु के 18 महीने के बाद राशि परिवर्तन आपको कड़ी मेहतन करवाने के बाद फल प्रदान करेगा. कार्यक्षेत्र में एक से बढ़कर एक अच्छे मौके मिलेंगे. धर्म-कर्म में आपकी रुचि बढ़ेगी. नौकरी करने वाले लोगों को इस दौरान प्रमोशन और वेतन में वृद्धि के योग हैं. वहीं जो लोग व्यापार से संबंधित हैं उनको काम-धंधों में उन्नति हो सकती है.
तुला राशि
तुला राशि के लोगों के लिए एकादश भाव से केतु का गोचर होगा. ऐसे में यह आपके लाभ में वृद्धि और अतिरिक्त आय में इजाफा दिलाएगा. जो लोग नौकरीपेशा हैं उनको नई नौकरी के अच्छे प्रस्ताव आ सकते हैं. आमदनी में इजाफा हो सकता है. वहीं अगर कारोबार से संबंधित हैं कोई अच्छी डील हासिल हो सकती है.
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए केतु का नवम भाव में गोचर करना आपके भाग्य में वृद्धि करा सकता है. इसके अलावा धर्म-कर्म और धार्मिक अनुष्ठान में आपके रूझान में कई गुने की वृद्धि हो सकती है. शुभ समाचारों की प्राप्ति हो सकती है. जीवन में सकारात्मक बदलाव और आमदनी में इजाफा का योग होगा. सेहत अच्छी रहेगी.