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Kanya Pujan 2024: 10 या 11 अक्टूबर, कब है कन्या पूजन? जानिए तिथि और इस दिन का खास महत्व

नवरात्रि के दौरान अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है. इस दिन कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है, जो व्रत के संपूर्ण फल और समृद्धि की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है.

Kanya Pujan 2024: 10 या 11 अक्टूबर, कब है कन्या पूजन? जानिए तिथि और इस दिन का खास महत्व
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Updated on: 4 Oct 2024 6:01 PM IST

Kanya Pujan 2024: 3 अक्टूबर 2024 से शारदीय नवरात्रि का आयोजन शुरू हो चुका है, जिसमें माता भगवती के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. हर कोई मां दुर्गा के पूजा में लीन है. नवरात्रि के दौरान अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है. इस दिन कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है, जो व्रत के संपूर्ण फल और समृद्धि की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है. आइए जानते हैं, इस साल कब है कन्या पूजन और विधि.

कन्या पूजन 2024 की तिथि

इस वर्ष दुर्गाष्टमी और महानवमी का व्रत 11 अक्टूबर 2024, शुक्रवार को मनाया जाएगा. इस दिन कन्या पूजन का आयोजन भी किया जाएगा, जो नवरात्रि के इस पावन पर्व की विशेषता है.

कन्या पूजन का महत्व

हिंदू धर्म में कन्याओं को देवी के रूप में पूजा जाता है. नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन से मां भगवती की कृपा प्राप्त होती है, जिससे भक्तों को सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य का आशीर्वाद मिलता है. इसके साथ जीवन में मौजूद सभी परेशानी का नाश होता है. यह पूजा केवल नवरात्रि तक सीमित नहीं है, बल्कि सभी शुभ कार्यों में इसका महत्व है. जानकारी के लिए बता दें, सिर्फ नवरात्रि में ही नहीं बल्कि शुभ कार्य को पूरा करने के लिए कन्या पूजन का आयोजन किया जाता है. ऐसे में हिंदू धर्म में कन्या पूजन बहुत ही खास महत्व होता है.

आयु के अनुसार कन्या पूजन

कन्या पूजन में कन्याओं की आयु का विशेष ध्यान रखा जाता है. उदाहरण के लिए, 2 वर्ष की कन्या की पूजा से दरिद्रता दूर होती है, जबकि 3 वर्ष की कन्या से धन की प्राप्ति होती है. 4 वर्ष की कन्या को कल्याणी, 5 वर्ष की को रोहिणी, 6 वर्ष की को कालिका और 7 वर्ष की को चंडिका देवी के रूप में पूजा जाता है. इसी प्रकार, 8 वर्ष की कन्या को देवी शांभवी, 9 वर्ष की को देवी दुर्गा और 10 वर्ष की को सुभद्रा माता के रूप में पूजा करने का विधान है. इस प्रकार, कन्या पूजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह परिवार में सुख-समृद्धि का संचार करने का माध्यम भी है.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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