Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा के बाद भूलकर भी न फेकें गोबर, वरना भगवान हो जाएंगे नाराज
गोवर्धन पूजा का हिंदू धर्म में अत्यंत महत्व है. इस पूजा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण की लीला को स्मरण करते हुए गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत का निर्माण कर उनकी पूजा की जाती है. लेकिन पूजा के अगले दिन इस गोबर पर्वत को फेंकना अशुभ माना जाता है. इसे फेंकने की बजाय विशेष रूप से उपयोग में लाना चाहिए ताकि भगवान श्रीकृष्ण की कृपा बनी रहे

Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा का हिंदू धर्म में अत्यंत महत्व है. इस पूजा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण की लीला को स्मरण करते हुए गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत का निर्माण कर उनकी पूजा की जाती है. लेकिन पूजा के अगले दिन इस गोबर पर्वत को फेंकना अशुभ माना जाता है. इसे फेंकने की बजाय विशेष रूप से उपयोग में लाना चाहिए ताकि भगवान श्रीकृष्ण की कृपा बनी रहे. आइए जानते हैं कि गोवर्धन पूजा के गोबर का उपयोग कैसे किया जा सकता है.
गोबर का सही उपयोग कैसे करें?
गोवर्धन पूजा के लिए बनाया गया गोबर अत्यंत पवित्र माना जाता है. पूजा के बाद इसे फेंकना अशुभ हो सकता है, इसलिए इसे उपयोगी कार्यों में इस्तेमाल करना चाहिए. इसे खेतों में डालने से यह प्राकृतिक खाद्य का काम करता है और भूमि की उर्वरता बढ़ती है. साथ ही, गोबर से बायोगैस बनाना भी एक पर्यावरण के अनुकूल विकल्प है, जो ऊर्जा का स्रोत बन सकता है.
उपले बनाकर करें अग्नि पूजा
गोबर का एक और महत्वपूर्ण उपयोग उपले बनाने में है. इन उपलों को पूजा के लिए अग्नि में जलाने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इन्हें घर में धूप-दीप के लिए जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है. इस उपाय से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और नकारात्मकता दूर होती है.
गोवर्धन पूजा की विधि
गोवर्धन पूजा के लिए गाय के गोबर का एक छोटा पर्वत बनाकर उसकी पूजा की जाती है. इस पर्वत को भगवान श्रीकृष्ण का रूप मानकर धूप, दीपक, और नैवेद्य अर्पित किए जाते हैं. इसके बाद भगवान को 56 प्रकार के भोग का प्रसाद चढ़ाया जाता है और आरती की जाती है. साथ ही, गोवर्धन महाराज की कथा सुनना भी शुभ माना जाता है. पूजा के बाद गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने से इच्छाओं की पूर्ति होती है. ध्यान रखें कि गोवर्धन पूजा में इस्तेमाल किए गए गोबर को कूड़ेदान में फेंकने की गलती न करें.
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.