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चंद्र ग्रहण के खत्म होने के बाद करें ये काम, नकारात्मक ऊर्जा होगी दूर

आज, 18 सितंबर को पितृ पक्ष की शुरुआत में चंद्र ग्रहण लग चुका है. भारतीय समयानुसार, यह ग्रहण सुबह 06:11 बजे से लेकर 10:17 बजे तक है, यानी कि यह ग्रहण कुल मिलाकर लगभग 4 घंटे तक चलेगा. ग्रहण का शिखर समय सुबह 08:14 बजे होगा. जानें ग्रहण त्म होने के बाद क्या करें.

चंद्र ग्रहण के खत्म होने के बाद करें ये काम, नकारात्मक ऊर्जा होगी दूर
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नई दिल्ली : आज, 18 सितंबर को पितृ पक्ष की शुरुआत में चंद्र ग्रहण लग चुका है. भारतीय समयानुसार, यह ग्रहण सुबह 06:11 बजे से लेकर 10:17 बजे तक है, यानी कि यह ग्रहण कुल मिलाकर लगभग 4 घंटे तक चलेगा. ग्रहण का शिखर समय सुबह 08:14 बजे होगा. चंद्र ग्रहण को हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में शुभ नहीं माना जाता. माना जाता है कि ग्रहण के समय राहु ग्रह सूर्य या चंद्रमा को कुछ समय के लिए ढँक लेते हैं, जिससे अंधकार फैल जाता है और वातावरण में नकारात्मकता आ जाती है. इस कारण ग्रहण के समय और सूतक काल में किसी भी शुभ कार्य को करने से मना किया जाता है.

इस बार ग्रहण पितृ पक्ष के प्रतिपदा श्राद्ध के दिन लगा है, जिसके कारण लोग असमंजस में रहे कि इस समय क्या किया जाए और क्या नहीं. तो आइए जानते हैं कि क्या करें और क्या नहीं.

मीन राशि में चंद्र ग्रहण

यह चंद्र ग्रहण मीन राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में घटित हो रहा है. हालांकि यह भारत में दृश्य नहीं है, इसलिए सूतक काल को मान्यता नहीं मिली है. ऐसे में ग्रहण से जुड़े कोई भी धार्मिक नियम नहीं माने गए. लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण का प्रभाव जीवन पर अवश्य पड़ता है, इसलिए इसके बाद कुछ विशेष उपाय किए जाते हैं.

चंद्र ग्रहण के बाद के उपाय

स्नान: चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद सबसे पहले स्नान करें.

गंगाजल का छिड़काव: घर में गंगाजल का छिड़काव करें, जिससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो सके.

भगवान की पूजा : भगवान की पूजा करें और शांति की कामना करें.

दान : अपनी क्षमता अनुसार दान करें. चूंकि यह ग्रहण पितृ पक्ष में घटित हुआ है, इसलिए दान-पुण्य का विशेष महत्व है. आप साबुत अनाज, भोजन, वस्त्र, और धन का दान कर सकते हैं. पितरों की शांति और प्रसन्नता के लिए यह बेहद फलदायी होगा.

निष्कर्ष

चंद्र ग्रहण एक प्राकृतिक घटना होते हुए भी धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है. पितृ पक्ष के समय इस ग्रहण का लगना इसे और भी विशेष बनाता है. ग्रहण के बाद धार्मिक और पुण्य कार्य करके जीवन में सकारात्मकता लाई जा सकती है.

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