Begin typing your search...

Diwali 2024: क्यों मनाया जाता है दिवाली का त्योहार, जानें इससे जुड़ी रोचक कथा

हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. इस साल, दिवाली 12 नवंबर 2023, रविवार को मनाई जाएगी. इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती हैं और जिन भक्तों से प्रसन्न होती हैं, उनके घर में स्थायी रूप से वास करती हैं.

Diwali 2024: क्यों मनाया जाता है दिवाली का त्योहार, जानें इससे जुड़ी रोचक कथा
X
स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 23 Oct 2024 9:29 PM

Diwali 2024: हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. इस साल, दिवाली 12 नवंबर 2023, रविवार को मनाई जाएगी. इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती हैं और जिन भक्तों से प्रसन्न होती हैं, उनके घर में स्थायी रूप से वास करती हैं. दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाने वाली नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है, भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस दिन मृत्यु के देवता यमराज का पूजन किया जाता है.

नरक चतुर्दशी का महत्व

नरक चतुर्दशी का पर्व नरकासुर नामक राक्षस की कथा से जुड़ा हुआ है. नरकासुर ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करके देवताओं, विशेषकर इंद्र, को परेशान कर रखा था. उसने 16,000 स्त्रियों को बंदी बना लिया था, जिससे सभी देवता और संत भगवान कृष्ण के पास मदद के लिए पहुंचे. भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध करने का आश्वासन दिया. नरकासुर को श्राप था कि वह किसी स्त्री के हाथों मारा जाएगा. इसीलिए भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को अपने सारथी बना कर नरकासुर का वध किया. तभी से नरक चतुर्दशी को मनाया जाने लगा.

दिवाली का पौराणिक महत्व

दिवाली के पीछे एक और प्रसिद्ध कथा है. भगवान श्री राम ने 14 वर्षों का वनवास समाप्त कर रावण का वध करने के बाद कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को अयोध्या लौटे थे. इस खुशी में अयोध्यावासियों ने पूरे नगर को दीपों से सजाया था. इस दिन की रौशनी और खुशी का प्रतीक है, जिससे यह पर्व हर साल धूमधाम से मनाया जाता है.

लक्ष्मी पूजन की मान्यता

एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक माह की अमावस्या को मां लक्ष्मी का अवतरण हुआ था. मां लक्ष्मी, धन और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं. इस दिन उनकी पूजा करने से घर में सुख, शांति और धन का वास होता है. इन पर्वों के पीछे की कथाएँ और मान्यताएं हमें आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ती हैं, जिससे यह त्योहार हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

अगला लेख