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Diwali 2024: दिवाली पर कैसे करें मां लक्ष्मी-गणेश की पूजा, जानें पूजन विधि और शुभ मुहूर्त

हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर ही दीवाली का पर्व धूम-धाम से मनाया जाता है. हर घर में आज के दिन साज-सजावट और साथ ही मां लक्ष्मी के आगमन के लिए तैयारियां चल रही है. वहीं शुभ मुहूर्त और विधि की अगर बात करें तो आज दोपहर 3 बजकर 52 मिनट पर शुभ मुहूर्त की शुरूआत होगी. इसका समापन 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर होगा.

Diwali 2024: दिवाली पर कैसे करें मां लक्ष्मी-गणेश की पूजा, जानें पूजन विधि और शुभ मुहूर्त
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सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 31 Oct 2024 11:16 AM IST

Diwali 2024: हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर ही दीवाली का पर्व धूम-धाम से मनाया जाता है. घरों की साफ-सापाई और साज सजावट के साथ इस दिन पर लोग मां लक्ष्मी का स्वागत करते हैं. ऐसे में दीवाली पर मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए शुभ मुहूर्त पर पूजा अर्चना का विशेष महत्व माना जाता है.

साधक शुभ मुहूर्त में पूजा अर्चना करके अपने सभी विघ्नों को दूर कर सकता है. वहीं दिवाली पर संध्या और रात्रि के समय शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी, विघ्नहर्ता भगवान गणेश और माता सरस्वती की पूजा और आराधना की जाती है. ऐसे में आज हम आपको विधि से लेकर शुभ मुहूर्त की संपूर्ण जानकारी देने आए हैं.

दिवाली शुभ मुहूर्त (Diwali Shubh Muhurat 2024)

दिवाली की अमावस्या पर आज दोपहर 3 बजकर 52 मिनट पर शुभ मुहूर्त की शुरूआत होगी. इसका समापन 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर होगा. पूजा मुहूर्त की अगर बात करें तो प्रदोष काल-31 अक्टूबर यानी आज शाम 5 बजकर 36 से रात 8 बजकर 11 मिनट तक रहेगा वृषभ लग्न (स्थिर लग्न) शाम 6 बजकर 25 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 15 मिनट तक रहेगा. ऐसे में इस समय पर पूजा करना काफी शुभ माना जाता है.

इन बातों का रखें ख्याल

पूजा करने से पहले साधकों को कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए. सुबह जल्दी उठकर पहले स्नान आदि कार्यक्रम करके देवताओं की पूजा करें. फिर जब आप शाम को पूजा करने के लिए बैठे तो सबसे पहले शुद्धिकरण कीजिए. इसके लिए सबसे पहले अपने ऊपर गांगा जल का छिड़काव करें. साथ ही एकत्र सभी समाग्री पर भी जल छिड़कें.

अब तीन बार अपनी हथेली पर जल लें और उसे पी ले. चौथी बार में आपको अपने हाथ धोने हैं. फिर इसके बाद जिस चौकी पर मां लक्ष्मी की प्रतिमा को विराजित करें उसपर पहले स्वास्तिक बनाए, लाल कपड़ा बिछाएं, अब उस चौकी पर श्री गणेश और मां लक्ष्मी समेत कुबेर देवता और मां सरस्वती की प्रतिमा को स्थापित करें. इसके बाद दीप को जला लें. इसके बाद सबसे पहले संकल्प लें.

ध्यान और करें भगवान का स्मरण

सभी देवताओं का ध्यान करते हुए स्थापित की गई मुर्ती के आगे एक कलश में जल भरकर रखें. अब आपको फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला आदि सामग्रियों को अर्पित करना है. इसके बाद विधिवत मां लक्ष्मी और श्री गणेश की पूजा अर्चना करें. इनके साथ- साथ देवी सरस्वती, भगवान विष्णु, मां काली और कुबेर की भी विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए.

दिवाली पूजन समाग्री (Diwali Pujan Samagri 2024)

पूजा से पहले आपको रोली, चावल, पान-सुपारी, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, घी या फिर तेल से भरे दीपक, कलावा, नारियल, गंगाजल, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला, शंख, लक्ष्मी-गणेश, मां सरस्वती और भगवान कुबेर की मूर्ति, थाली, चांदी का सिक्का, 11 दीपक, मां लक्ष्मी के वस्त्र, मां लक्ष्मी के श्रृंगार का सामान एकत्र करना होगा.

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