Begin typing your search...

Diwali 2024 :इन घरों में बिना बुलाए आती हैं देवी लक्ष्मी, आचार्य चाणक्य की नीति में छिपा है रहस्य

इस साल दिवाली का पर्व 31 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा. इस दिन देवी लक्ष्मी का विशेष पूजन किया जाता है, ताकि घर में स्थायी सुख-समृद्धि का वास हो. आचार्य चाणक्य ने भी देवी लक्ष्मी के निवास के बारे में अपनी नीतियों में उल्लेख किया है. उनका मानना है कि कुछ विशेष प्रकार के घरों में देवी लक्ष्मी बिना बुलाए स्वयं चली आती हैं.

Diwali 2024 :इन घरों में बिना बुलाए आती हैं देवी लक्ष्मी, आचार्य चाणक्य की नीति में छिपा है रहस्य
X
स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 29 Oct 2024 7:43 PM

Chanakya Niti: इस साल दिवाली का पर्व 31 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा. इस दिन देवी लक्ष्मी का विशेष पूजन किया जाता है, ताकि घर में स्थायी सुख-समृद्धि का वास हो. आचार्य चाणक्य ने भी देवी लक्ष्मी के निवास के बारे में अपनी नीतियों में उल्लेख किया है. उनका मानना है कि कुछ विशेष प्रकार के घरों में देवी लक्ष्मी बिना बुलाए स्वयं चली आती हैं. इन घरों की पहचान के लिए आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक में तीन महत्वपूर्ण बातें बताई हैं.

चाणक्य नीति श्लोक

“मूर्खा यत्र न पूज्यन्ते धान्यं यत्र सुसञ्चितम्।

दाम्पत्ये कलहो नास्ति तत्र श्री: स्वयमागता॥”

आचार्य चाणक्य के इस श्लोक का अर्थ है कि जिन घरों में मूर्खों की पूजा नहीं होती, जहां अनाज पर्याप्त मात्रा में संचित रहता है और जहां पति-पत्नी में कलह नहीं होता, वहां देवी लक्ष्मी स्वयं निवास करती हैं.

जहां मूर्खों की पूजा नहीं होती

चाणक्य नीति के अनुसार, जिस घर में मूर्खों की बातों का महत्व नहीं होता, वहां देवी लक्ष्मी का वास होता है. इसका अर्थ है कि घर में अगर कोई अल्पबुद्धि व्यक्ति हो, तो उसकी बातों पर अनावश्यक ध्यान नहीं देना चाहिए. ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और लक्ष्मी जी प्रसन्न रहती हैं.

जहां अनाज की भरपूर मात्रा होती है

जिन घरों में अनाज की कमी नहीं होती, वहां देवी लक्ष्मी का वास हमेशा बना रहता है. हमारे बुजुर्ग घर में अनाज के भंडार को संपन्नता और स्थिरता का प्रतीक मानते थे. अनाज का संचित रहना लक्ष्मी जी को आकर्षित करता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है.

जहां पति-पत्नी में कोई विवाद नहीं होता

आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिन घरों में पति-पत्नी प्रेमपूर्वक रहते हैं और आपस में विवाद नहीं करते, उन घरों में भी देवी लक्ष्मी स्वयं निवास करती हैं. पति-पत्नी के बीच शांति और आपसी समझ से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, जो लक्ष्मी जी को आकर्षित करती है.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

अगला लेख