31 अक्टूबर या 1 नवंबर, जानें इस साल कब मनाई जाएगी दिवाली
हिंदू धर्म में दिवाली का खास महत्व है. इस दिन चारों तरफ रोशनी ही रोशनी नजर आती है. यह दिन भगवान राम को समर्पित है. दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है. यह त्योहार विशेष रूप से अंधकार से प्रकाश की ओर जाने, ज्ञान की विजय और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.

हिंदुओं के लिए दिवाली का त्योहार बेहद खास है. इसे दीपावली भी कहा जाता है. यह त्योहार भारत में बेहद धूमधाम से मनाया जाता है. दीवाली के दिन सबसे पहले घर की अच्छी तरह सफाई की जाती है. इसके बाद घर को दीपक और रंगोली से सजाया जाता है. हिंदू धर्म में यह त्योहार भगवान राम के 14 साल के वनवास पूरा कर अयोध्या लौटने की खुशी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन पूरा भारत देश रोशनी से जगमगाया होता है. हर साल की तरह इस बार भी कई लोग दिवाली की की तारीख को लेकर असमंजस में हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कब मनाई जाएगी दीवाली.
31 या 1 नवंबर कब है दिवाली?
पंचाग के अनुसार, कार्तिक अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को शाम 3 बजकर 52 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार 1 नवंबर को दीवाली का त्योहार मनाया जाएगा.
दिवाली पूजा विधि
इस दिन मंदिर की सफाई की जाती है. मंदिर में लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति रखी जाती है. शाम को पहले गणेश भगवान की पूजा करने का विधान है. इसके बाद लक्ष्मी जी की मूर्ति के सामने दीपक जलाना चाहिए.
5 दिन का त्योहार
दिवाली के त्योहार की शुरुआत धनतरेस से होती है. पहले दिन को धन की देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित किया जाता है. इस दिन लोग नए बर्तन और सोने-चांदी की चीजें खरीदते हैं. वहीं, दूसरे दिन नरक चतुर्दशी यानी छोटी दीवाली का त्योहार मनाया जाता है. माना जाता है कि इस दिन बुराइयों का नाश होता है. इसके बाद, तीसरे दिन दीवाली का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन लक्ष्मी पूजन किया जाता है. लोग अपने घरों को दीपों और रंगोली से सजाते हैं और आतिशबाजी करते हैं. चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है. इस दिन भगवान कृष्ण ने अपने हाथों की सबसे छोटी उंगली से गोवर्धन पर्वत उठाया था. पांचवाे दिन भाई दूज होता है. यह दिन भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित होता है. बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए पूजा करती हैं.