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Dhanteras 2024: पूर्वजन्म में थे चोर, अगले जन्म में बने धन के देवता कुबेर; जानिए धनतेरस पर क्यों होती है उनकी पूजा

धनतेरस के पर्व पर देवी लक्ष्मी के साथ धन के देवता कुबेर की पूजा भी की जाती है. कुबेर यक्षों के राजा हैं और उन्हें स्वर्ण और धन भंडार का रक्षक माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुबेर पहले चोर थे और अपने कर्मों के कारण उन्हें अगले जन्म में धन का देवता बनने का आशीर्वाद मिला?

Dhanteras 2024: पूर्वजन्म में थे चोर, अगले जन्म में बने धन के देवता कुबेर; जानिए धनतेरस पर क्यों होती है उनकी पूजा
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 24 Oct 2024 7:27 PM

Dhanteras 2024: धनतेरस के पर्व पर देवी लक्ष्मी के साथ धन के देवता कुबेर की पूजा भी की जाती है. कुबेर यक्षों के राजा हैं और उन्हें स्वर्ण और धन भंडार का रक्षक माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुबेर पहले चोर थे और अपने कर्मों के कारण उन्हें अगले जन्म में धन का देवता बनने का आशीर्वाद मिला?

कुबेर

कुबेर यक्षों के राजा हैं और कैलाश पर्वत के निकट अलकापुरी में रहते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कुबेर राक्षस रावण के सौतेले भाई थे, लेकिन उनके अच्छे कर्मों के कारण उन्हें देवता का दर्जा मिला. उन्हें भगवान शिव का द्वारपाल भी माना जाता है.

पूर्वजन्म में थे चोर

कुबेर का पूर्वजन्म एक चोर के रूप में हुआ था, जो मंदिरों से कीमती चीजें चुराया करता था. एक बार शिव मंदिर में चोरी के दौरान, उन्होंने दीया जलाया ताकि चोरी कर सकें. बार-बार दीया बुझने के बावजूद कुबेर उसे जलाते रहे, जिससे भोलेनाथ प्रसन्न हुए. शिवजी ने कुबेर से कहा कि उनकी धन की कमी दूर होगी, क्योंकि उन्होंने भक्ति के दीपक को जलाए रखा. कुबेर की ईमानदारी और भक्ति देखकर, शिवजी ने उन्हें अगले जन्म में धन का देवता बनने का आशीर्वाद दिया.

लक्ष्मी और ब्रह्मा जी की कृपा

अगले जन्म में, कुबेर ने देवी लक्ष्मी, ब्रह्मा जी और शिवजी की कठोर तपस्या की. देवी लक्ष्मी ने उन्हें अथाह धन दिया और ब्रह्मा जी ने उन्हें खजाने की रक्षा करने की जिम्मेदारी सौंपी. इस प्रकार कुबेर, माता लक्ष्मी और भगवान शिव की कृपा से धन के देवता बन गए.

धनतेरस पर कुबेर की पूजा का महत्त्व

धनतेरस पर सोना, चांदी और अन्य कीमती वस्तुएं खरीदने की परंपरा है. इस दिन कुबेर जी की पूजा करने से घर में धन की समृद्धि और उसकी रक्षा होती है. कुबेर को सोने के रक्षक के रूप में भी पूजा जाता है. यह मान्यता है कि कुबेर इस बात का प्रतीक हैं कि अपने कर्मों से कोई भी व्यक्ति देवता का दर्जा पा सकता है.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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