Begin typing your search...

Chhath Puja 2024: इन चीजों के बिना अधूरा रह जाएगा छठ पूजा का पर्व, जानें पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट

बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में छठ पूजा एक प्रमुख त्योहार है, जिसमें श्रद्धालु भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा करते हैं. संतान की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और परिवार की खुशहाली के लिए महिलाएं यह व्रत करती हैं. इस वर्ष, चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत 5 नवंबर को नहाय-खाय से हो रही है और समापन 7 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा.

Chhath Puja 2024: इन चीजों के बिना अधूरा रह जाएगा छठ पूजा का पर्व, जानें  पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट
X
स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 4 Nov 2024 7:08 PM




Chhath Puja 2024: बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में छठ पूजा एक प्रमुख त्योहार है, जिसमें श्रद्धालु भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा करते हैं. संतान की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और परिवार की खुशहाली के लिए महिलाएं यह व्रत करती हैं. इस वर्ष, चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत 5 नवंबर को नहाय-खाय से हो रही है और समापन 7 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा.

छठ पूजा सामग्री लिस्ट

छठ पूजा की तैयारियों में पूजा सामग्री का विशेष महत्व है. यदि आप पहली बार व्रत कर रही हैं, तो सभी जरूरी सामग्री पहले से ही इकट्ठा कर लें ताकि पूजा के समय कोई कमी न रह जाए. यहां देखें पूजा के लिए आवश्यक सामग्री की सूची

  • पूजा के वस्त्र: साड़ी या सूट
  • बांस की दो बड़ी टोकरियां
  • बांस या पीतल का सूप (अर्घ्य देने के लिए)
  • जल और दूध के लिए एक गिलास
  • एक लोटा और थाली
  • 5 पत्तों वाला गन्ना
  • शकरकंदी और सुथनी
  • पान, सुपारी, हल्दी, मूली और अदरक का पौधा
  • मीठा नींबू, शरीफा, केला, नाशपाती और नारियल (पानी वाला)
  • मिठाई, गुड़, गेहूं, चावल का आटा और ठेकुआ
  • सिंदूर, दीपक और शहद

छठ पूजा का महत्व

छठ पूजा में सूर्य देवता और षष्ठी माता की पूजा का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान की आयु लंबी होती है और दंपतियों को संतान सुख प्राप्त होता है. जो लोग लंबे समय से संतान की प्राप्ति की कामना कर रहे हैं, उनके लिए यह व्रत खास फलदायी माना गया है. कहा जाता है कि छठी माता की कृपा से घर में खुशियों की किलकारियां गूंजने लगती हैं.

छठ पूजा 2024 का शेड्यूल

  • 5 नवंबर, मंगलवार- नहाय-खाय
  • 6 नवंबर, बुधवार - खरना
  • 7 नवंबर, गुरुवार - डूबते सूर्य को अर्घ्य
  • 8 नवंबर, शुक्रवार - उगते सूर्य को अर्घ्य


डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

अगला लेख