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दिवाली पर चाहते हैं मां लक्ष्मी को बुलाना? जानें चाणक्य की नीति से किन घरों में धन की देवी करती हैं वास!

दिवाली का पर्व विशेष रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा का दिन है, और यह मान्यता है कि इस दिन उनकी उपासना से घर में सुख-समृद्धि और धन-धान्य का स्थायी निवास होता है. आचार्य चाणक्य, जिनकी नीतियां आज भी प्रासंगिक मानी जाती हैं, ने अपनी शिक्षाओं में बताया है कि देवी लक्ष्मी किन घरों में बिन बुलाए ही चली आती हैं.

दिवाली पर चाहते हैं मां लक्ष्मी को बुलाना? जानें चाणक्य की नीति से किन घरों में धन की देवी करती हैं वास!
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 27 Oct 2024 8:32 PM

Diwali 2024: दिवाली का पर्व विशेष रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा का दिन है, और यह मान्यता है कि इस दिन उनकी उपासना से घर में सुख-समृद्धि और धन-धान्य का स्थायी निवास होता है. आचार्य चाणक्य, जिनकी नीतियां आज भी प्रासंगिक मानी जाती हैं, ने अपनी शिक्षाओं में बताया है कि देवी लक्ष्मी किन घरों में बिन बुलाए ही चली आती हैं. आइए जानते हैं चाणक्य नीति के अनुसार वो तीन विशेष प्रकार के घर कौन से हैं जहां लक्ष्मी जी का वास होता है.

जहां मूर्खों की पूजा नहीं होती

आचार्य चाणक्य के अनुसार, ऐसे घर जहां मूर्ख लोगों की बातों को महत्व नहीं दिया जाता, देवी लक्ष्मी का स्थायी वास होता है. इसका अर्थ है कि घर के निर्णय विवेकपूर्ण और समझदारी के साथ किए जाने चाहिए. मूर्खता और अज्ञानता को बढ़ावा देने वाले घर में लक्ष्मी जी का आगमन नहीं होता, जबकि जो लोग समझदारी से अपनी स्थिति संभालते हैं, वहां लक्ष्मी अपने आप आ जाती हैं.

जहां अनाज भरपूर मात्रा में होता है

चाणक्य नीति के अनुसार, देवी लक्ष्मी उन्हीं घरों में निवास करती हैं जहां अनाज की कभी कमी नहीं होती और भंडार सदा भरा रहता है. इसका तात्पर्य है कि घर में हमेशा अनाज का संग्रह होना चाहिए, जिससे वहां कोई अभाव ना हो. पुराने समय से ही बुजुर्ग इसी सिद्धांत का पालन करते आए हैं और घर में समृद्धि बनाए रखते थे. यही कारण है कि अनाज को सही ढंग से संचित करने की परंपरा रही है.

जहां पति-पत्नी में विवाद नहीं होता

चाणक्य कहते हैं कि जहां पति-पत्नी शांतिपूर्वक और आपसी समझ के साथ रहते हैं, वहां देवी लक्ष्मी का निवास होता है. ऐसे घर में धन और संपत्ति का अभाव नहीं होता, और परिवार में शांति बनी रहती है. इसीलिए, दांपत्य जीवन में प्रेम और सामंजस्य बनाए रखना महत्वपूर्ण है, ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो और लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहे.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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