क्या महिलाएं कर सकती हैं रुद्राक्ष धारण, विस्तार से जानें इस सवाल का जवाब
भगवान शिव को प्रिय रुद्राक्ष का महत्व शिव पुराण में बड़े ही विस्तार से बताया गया है. कथाओं के अनुसार, रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसू से उत्पन्न हुआ है और इसे धारण करने से जीवन में आने वाली परेशानियों का नाश होता है. शिव जी की उपासना के दौरान रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को आंतरिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है.

Rudraksha For Women: भगवान शिव को प्रिय रुद्राक्ष का महत्व शिव पुराण में बड़े ही विस्तार से बताया गया है. कथाओं के अनुसार, रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसू से उत्पन्न हुआ है और इसे धारण करने से जीवन में आने वाली परेशानियों का नाश होता है. शिव जी की उपासना के दौरान रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को आंतरिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है. आइए जानते हैं रुद्राक्ष के प्रकार, विशेषताएं और इसे धारण करने की विधि.
रुद्राक्ष का स्वरूप और विशेषताएं
रुद्राक्ष का पेड़ एक कठोर तने वाला वृक्ष होता है, जिस पर सफेद रंग के फूल लगते हैं. इसके फल पहले हरे, फिर पकने पर नीले और अंत में सूखकर काले हो जाते हैं. इस काले फल की गुठली को रुद्राक्ष कहा जाता है, जिसमें धारियां होती हैं. रुद्राक्ष की इन धारियों की संख्या एक से चौदह तक होती है जो उसके प्रकार को निर्धारित करती है. हर प्रकार का रुद्राक्ष अपने विशेष लाभ और प्रभाव के लिए पहचाना जाता है.
रुद्राक्ष के प्रकार और उनके नाम
रुद्राक्ष पर धारियों की संख्या के अनुसार उसे अलग-अलग नाम दिए गए हैं. एक धारी वाला रुद्राक्ष एकमुखी, दो धारियों वाला दोमुखी और पांच धारियों वाला पंचमुखी कहलाता है. प्रत्येक प्रकार का रुद्राक्ष अपने अलग-अलग लाभों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है और व्यक्ति की कुंडली के अनुसार इसे धारण किया जाता है.
महिलाएं भी कर सकती हैं रुद्राक्ष धारण
शास्त्रों के अनुसार महिलाएं भी रुद्राक्ष धारण कर सकती हैं. ज्योतिष के अनुसार, महिलाओं के लिए एकमुखी, दोमुखी और तीनमुखी रुद्राक्ष शुभ होता है. रुद्राक्ष को हाथ में धारण करने की स्थिति में इसे बाएं हाथ में पहनना चाहिए. इससे महिलाओं में ऊर्जा का संतुलन बना रहता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है.
रुद्राक्ष धारण करने की विधि
रुद्राक्ष को धारण करने से पहले उसे भगवान शिव के समक्ष अर्पित करें और कुछ समय तक वहीं रखें. फिर “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 11 बार जाप करें और रुद्राक्ष धारण करें. इसे पहनने से पहले किसी विशेषज्ञ या ज्योतिषी से सलाह लेना महत्वपूर्ण है.