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क्या सूर्यास्त के बाद लगा सकते हैं सिंदूर, जानें इसके नियम और महत्व

हिन्दू धर्म में विवाह के बाद महिलाएं अपनी मांग में सिंदूर लगाती हैं, जिसे शादीशुदा होने का प्रतीक माना जाता है. सिंदूर का संबंध न केवल पति की आयु से जुड़ा है, बल्कि इसे महिलाओं के जीवनसाथी के प्रति सम्मान का भी प्रतीक माना गया है. यह परंपरा सदियों पुरानी है और आज भी महिलाएं इसका पालन करती हैं.

क्या सूर्यास्त के बाद लगा सकते हैं सिंदूर, जानें इसके नियम और महत्व
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 3 Nov 2024 9:44 PM

Sindoor After Sun Set: हिन्दू धर्म में विवाह के बाद महिलाएं अपनी मांग में सिंदूर लगाती हैं, जिसे शादीशुदा होने का प्रतीक माना जाता है. सिंदूर का संबंध न केवल पति की आयु से जुड़ा है, बल्कि इसे महिलाओं के जीवनसाथी के प्रति सम्मान का भी प्रतीक माना गया है. यह परंपरा सदियों पुरानी है और आज भी महिलाएं इसका पालन करती हैं. आइए जानते हैं कि सिंदूर लगाने का धार्मिक महत्व क्या है और इसके साथ जुड़े नियम क्या हैं.

धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सिंदूर, हल्दी और पारे के मिश्रण से बनता है, जो लाल रंग का होता है. विवाह के दौरान दूल्हा अपनी दुल्हन की मांग में पहली बार सिंदूर भरता है, जिसे ‘सिंदूर दान’ कहा जाता है और इसे कन्यादान की तरह एक महत्वपूर्ण रस्म माना गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सिंदूर को मां पार्वती के आशीर्वाद का प्रतीक माना गया है. ऐसी मान्यता है कि इससे मां पार्वती का विशेष आशीर्वाद मिलता है, जो पति की आयु और स्वास्थ्य की रक्षा करता है. यह परंपरा एक सुहागिन के प्रतीक रूप में महिलाएं अपनाती हैं और इससे उनके वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है.

सिंदूर लगाने का निषेध क्यों?

सिंदूर लगाने को लेकर कुछ खास नियम भी बनाए गए हैं, जिनमें एक महत्वपूर्ण नियम है कि सूर्यास्त के बाद सिंदूर नहीं लगाना चाहिए. ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, भगवान सूर्य को ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक माना गया है, जो दिन के समय को नियंत्रित करते हैं. इसलिए, दिन के दौरान सिंदूर लगाने को शुभ माना गया है. सूर्यास्त के बाद चंद्रमा का समय शुरू हो जाता है, जो शांत और ठंडक का प्रतीक है. इस समय में सिंदूर लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का अभाव माना गया है और कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि सूर्यास्त के बाद सिंदूर लगाने से विवाहिक जीवन पर इसका सही प्रभाव नहीं पड़ता.

मंगलवार को सिंदूर लगाने का निषेध

इसके अलावा, मंगलवार के दिन भी मांग में सिंदूर लगाने से मना किया जाता है. ज्योतिष के अनुसार, मंगलवार को हनुमान जी की पूजा का दिन माना जाता है और इस दिन सिंदूर का अलग महत्व है. हनुमान जी को चढ़ाए जाने वाले सिंदूर का उपयोग विशेष होता है, इसलिए सुहागिन महिलाओं के लिए इस दिन अपनी मांग में सिंदूर लगाने को अशुभ माना गया है.

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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