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Basant Panchmi 2025: किस दिशा में करें मां सरस्वती की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त से लेकर विधि तक

लोग इस दिन पीले वस्त्र पहनते हैं, सरस्वती देवी की पूजा करते हैं और खासकर विद्यार्थियों के लिए यह दिन महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसे "विद्या का पर्व" भी कहा जाता है. वसंत पंचमी वसंत ऋतु की शुरुआत और देवी सरस्वती की पूजा की याद दिलाती है.

Basant Panchmi 2025: किस दिशा में करें मां सरस्वती की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त से लेकर विधि तक
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रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 2 Feb 2025 7:22 AM IST

बसंत पंचमी वह त्योहार है जो सर्दी से वसंत में बदलाव का प्रतीक है. हिंदू इस त्योहार को ज्ञान, विद्या और कला की देवी देवी सरस्वती के सम्मान में मनाते हैं. 2025 में, यह रविवार, 2 फरवरी को शुरु हो रहा है. शुभ पंचमी तिथि, या पांचवां चंद्र दिवस, 2 फरवरी को सुबह 9:14 बजे शुरू होता है और 3 फरवरी को सुबह 6:52 बजे समाप्त होता है.

लोग इस दिन पीले वस्त्र पहनते हैं, सरस्वती देवी की पूजा करते हैं और खासकर विद्यार्थियों के लिए यह दिन महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसे "विद्या का पर्व" भी कहा जाता है. वसंत पंचमी वसंत ऋतु की शुरुआत और देवी सरस्वती की पूजा की याद दिलाती है. देवी को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद में दूध, चावल, दही, घी और मक्खन शामिल होता है.

पूजा करने का अच्छा समय

बसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की पूजा करने का सबसे शुभ समय 2 फरवरी को सुबह 7:09 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक होगा. पांच घंटे और छब्बीस मिनट का यह समय पूजा करने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है. भक्त को पीले, चमकीले या सफेद कपड़े पहनने चाहिए, जबकि काले और लाल रंग वर्जित हैं.

क्या है पूजा का सही समय

इस खास अवसर पर पूजा का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए. बता दें की पूर्व दिशा में देवी सरस्वती को स्थापित कर के पूजा करने से धन की वृद्धि होती है. पूजा के लिए सबसे अच्छा उपलब्ध समय या तो सूर्योदय से ढाई घंटे पहले या सूर्यास्त से ढाई घंटे पहले हो सकता है. देवी सरस्वती को सफेद चंदन और पीले और सफेद फूल दाहिने हाथ से चढ़ाने चाहिए.'

पीले चावल की खीर

बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती को पीले चावल चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है. यह खास चावल देसी घी, चीनी, केसर और सूखे मावा से तैयार किया जाता है. मीठी बूंदी- बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती को मीठी बूंदी का भी भोग लगाया जाता है. इस दिन खीर, केसर हलवा, केसर पेड़ा और अन्य पीले रंग के व्यंजन बनाये जाते हैं. इन व्यंजनों को बनाने में केसर का इस्तेमाल किया जाता है, जो न केवल व्यंजनों को सुगंधित बनाता है बल्कि उन्हें पीला रंग भी देता है.

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