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Ahoi Ashtami 2024: अहोई अष्टमी के दिन करें इस पेड़ की पूजा, मिलेगा संतान का सुख!

सनातन धर्म में सभी व्रतों और तिथियों का विशेष महत्व है. पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत मनाने की परंपरा है. इस दिन माताएं अपने संतान की सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं और माता पार्वती के अहोई स्वरूप की पूजा करती हैं. इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा.

Ahoi Ashtami 2024: अहोई अष्टमी के दिन करें इस पेड़ की पूजा, मिलेगा संतान का सुख!
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 17 Oct 2024 9:58 PM

Ahoi Ashtami 2024: सनातन धर्म में सभी व्रतों और तिथियों का विशेष महत्व है. पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत मनाने की परंपरा है. इस दिन माताएं अपने संतान की सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं और माता पार्वती के अहोई स्वरूप की पूजा करती हैं. इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा. इस दिन चंद्रमा और तारे की पूजा का भी विधान है, जिसके पीछे एक महत्वपूर्ण मान्यता है.

चंद्रमा और तुलसी माता की पूजा

अहोई अष्टमी के दिन चंद्रमा की पूजा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है. विशेषकर इस दिन तुलसी माता की पूजा करने का विशेष महत्व है. तुलसी को पवित्रता का प्रतीक माना जाता है और इस दिन उनकी पूजा करने से संतान के जीवन में आ रही समस्याएं दूर होती हैं. यदि आप इस दिन तुलसी की पूजा कर रही हैं, तो संध्या के समय पूजन करें. माता को लाल चुनरी अर्पित करें और घी के दीपक से उनकी आरती करें. इससे न केवल संतान के जीवन में खुशहाली आएगी, बल्कि घर में भी सुख और समृद्धि का वास होगा.

पीपल के पेड़ की पूजा का महत्व

अहोई अष्टमी के दिन पीपल के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, पीपल के पेड़ पर ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है. इस दिन इस पेड़ की पूजा करने से दंपत्तियों को संतान सुख का आशीर्वाद मिलता है. पीपल की पूजा करने से संतान के जीवन में आने वाली समस्याएं समाप्त होती हैं और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है.

पूजा विधि और अनुष्ठान

अहोई अष्टमी के दिन माताएं व्रत रखकर सुबह से ही पूजा की तैयारी करती हैं. इस दिन संतान के अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए विशेष रूप से तुलसी और पीपल की पूजा करनी चाहिए. पूजा में फूल, मिठाई और दीपक का उपयोग करें। इस दिन जो भी मनोकामना की जाती है, उसे माता पार्वती और चंद्रमा के समक्ष रखें, जिससे मनोवांछित फल की प्राप्ति संभव हो सके.

इन विशेष पूजा विधियों और उपायों को अपनाकर आप अहोई अष्टमी का शुभ लाभ उठा सकते हैं और अपने परिवार के लिए खुशहाली और समृद्धि की कामना कर सकते हैं.


डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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