क्या पूजा करते दौरान जलाते हैं अगरबत्ती? हो सकता है अशुभ, जानिए क्या कहते हैं धार्मिक विद्वान
सनातन धर्म में पूजा का महत्व बेहद खास है, और पूजा के दौरान उपयोग होने वाली चीजें भी शास्त्रों के अनुसार निर्धारित होती हैं. घर या कार्यस्थल पर अगरबत्ती जलाना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन क्या यह सही है या इसके पीछे कोई धार्मिक रहस्य छिपा है? आइए जानते हैं धार्मिक विद्वानों के अनुसार, पूजा में अगरबत्ती जलाने का सही तरीका और इससे जुड़े शुभ-अशुभ पहलू.
Agarbatti Jalana Shubh ya Ashubh: सनातन धर्म में पूजा का महत्व बेहद खास है, और पूजा के दौरान उपयोग होने वाली चीजें भी शास्त्रों के अनुसार निर्धारित होती हैं. घर या कार्यस्थल पर अगरबत्ती जलाना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन क्या यह सही है या इसके पीछे कोई धार्मिक रहस्य छिपा है? आइए जानते हैं धार्मिक विद्वानों के अनुसार, पूजा में अगरबत्ती जलाने का सही तरीका और इससे जुड़े शुभ-अशुभ पहलू.
पूजा में 2 अगरबत्ती जलाना है शुभ
धार्मिक विद्वानों के अनुसार, पूजा के दौरान अगरबत्ती जलाना शुभ माना जाता है, लेकिन इसके लिए एक विशेष संख्या होती है. सबसे शुभ माना जाता है जब आप पूजा में दो अगरबत्तियां जलाते हैं. इससे देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. इसी तरह, अगर घर या कार्यस्थल पर कोई धार्मिक अनुष्ठान या यज्ञ हो रहा हो, तो 4 अगरबत्तियां जलाना बेहतर होता है. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं.
अगरबत्ती जलाने के कुछ अहम नियम
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूजा में अगरबत्ती का उपयोग करते वक्त यह ध्यान रखना जरूरी है कि अगरबत्ती टूटी या गीली न हो. केवल अच्छी गुणवत्ता वाली, सूखी और खुशबूदार अगरबत्ती का इस्तेमाल करें. जब आप अगरबत्ती जलाएं, तो इससे उठती हुई सुगंध से माहौल महक उठता है और यह सकारात्मक ऊर्जा का संकेत है. साथ ही, अगरबत्ती जलाने के बाद उसे धुएं से बुझाना नहीं चाहिए, क्योंकि इससे पूजा की शुद्धता भंग हो सकती है.
बांस से बनी अगरबत्ती जलाना
धार्मिक शास्त्रों में बांस से बनी चीजों को जलाने से मना किया गया है, खासकर अगरबत्ती के रूप में. बांस का उपयोग केवल शव यात्रा और शादियों के मंडप निर्माण में किया जाता है. इसे जलाना अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह धार्मिक कार्यों के लिए निषिद्ध है
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.





