उफ्! शवों की भी दुर्गति, उफनते नाले में घुसकर जाना पड़ रहा है श्मशान
पुलिया नहीं होने की वजह से लोगों को नाले में से होकर ही श्मशान जाना पड़ता है. इससे बरसात में जब नाले उफनते हैं तो काफी दिक्कत होती है.

राजस्थान में हो रही भारी बारिश का कहर जिंदा लोगों पर तो टूट कर पड़ रहा है, मरने के बाद भी शवों की दुर्गति हो जा रही है. ऐसा ही एक मामला राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा के अपने विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिला है. यहां शव को श्मशान तक ले जाने के लिए लोगों को उफनते नाले में घुसकर निकलना पड़ा. इस दौरान पांव फिसलने की वजह से कई बार शव नाले में गिरते गिरते भी बचा. स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, यह स्थिति सालो साल रहती है. बाकी दिनों में तो जैसे तैसे काम चल जाता है, लेकिन बरसात के दिनों में तो लोग भगवान से प्रार्थना करते हैं कि किसी की मौत ना हो.
जी हां, इस समय लगातार हो रही बारिश की वजह से सवाई माधोपुर में सभी नदी नाले उफान पर है. बारिश की वजह से लोगों का रुटीन का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है. इसी बीच सवाई माधोपुर कस्बे के भेरू दरवाजे से लगते विनोबा बस्ती में बुधवार को एक व्यक्ति की मौत हो गई. लोगों ने काफी देर तक बारिश खुलने का इंतजार किया, लेकिन बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही थी. ऐसे में लोग शव लेकर बारिश के बीच ही निकल पड़े. चूंकि श्मशान तक पहुंचने के लिए नाला पारकर के जाना पड़ता है. यह नाला भी उफान पर है और यहां कोई पुलिया भी नहीं है. ऐसे में लोगों को इस नाले में से होकर श्मशान जाना पड़ा.
हे भगवान! बरसात में ना हो किसी की मौत
इस दौरान कई बार स्थिति ऐसी बनी कि शव को कंधा दे रहे लोगों का पांव फिसल गया. ऐसे हालात में शव भी नाले में गिरते गिरते बचा. बड़ी मुश्किल से लोगों ने नाला पार किया और श्मशान पहुंचकर अंतिम संस्कार कराया. इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया में तैर रहा है. विनोबा बस्ती के पार्षद मेघा वर्मा ने बताया कि नाले पर पुलिया नहीं बनने की वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. नौबत यहां तक आ गई है कि अब लोग भगवान से प्रार्थना करते हैं कि बारिश में किसी की मौत ना हो.