मुख्य सचिव को HC की खरी-खरी, कहा- कुछ सीखते भी हैं कि नहीं?
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने लॉरेंस विश्नोई इंटरव्यू केस को लेकर पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. साथ ही कोर्ट ने दूसरे राज्यों से कुछ सीखने की सलाह दी है.

कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्त रुख दिखाया है. इस मामले में हाईकोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव को कड़ी फटकार लगाई है. उनसे पूछा है कि दूसरे राज्यों से भी कुछ सीखते हैं कि नहीं? मामले की सुनवाई में मुख्य सचिव वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए शुक्रवार को कोर्ट में हाजिर हुए थे. हाईकोर्ट ने गुजरात समेत अन्य सीमावर्ती राज्यों का हवाला देते हुए कहा कि वहां जेल ब्रेक या जेल में मोबाइल की घटनाएं कम आती हैं. उन राज्यों से पंजाब को भी कुछ सीखना चाहिए.
इस मौके पर मुख्य सचिव ने बताया कि जेलों में जैमर समेत अन्य सुरक्षा उपकरणों को लगाने में करीब 600 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. राज्य सरकार इस फंड का इंतजाम कर रही है. फंड का इंतजाम होते ही काम शुरू कर दिया जाएगा. इसके लिए मुख्य सचिव ने कोर्ट से कुछ और समय देने की मांग की. कहा कि अब तक राज्य की 15 जेलों में लो पावर्ड जैमर लगा दिए गए हैं. वहीं बठिंडा जेल में कवच जैमर इंस्टाल किया गया है. इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार की जमकर खिंचाई की.
वहीं जवाब दाखिल करने के लिए 12 सितंबर तक का समय दिया है.बता दें कि कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस का खरड़ में इंटरव्यू हुआ था. इस मामले पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जांच के आदेश दिए थे. साथ ही इस मामले में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई को भी कहा था. अब हाईकोर्ट ने अपने पुराने आदेश की प्रगति रिपोर्ट पूछी तो राज्य सरकार ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के तत्काल बाद इंटरव्यू लेने वाले ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगा दी थी. इसकी वजह से कोई कार्रवाई नहीं हो पायी है.
सीलबंद है एसआईटी की रिपोर्ट
सरकार की ओर से कहा गया कि खुद हाईकोर्ट ने ही इस मामले में एसआईटी का गठन किया था और एसआईटी की रिपोर्ट कोर्ट में तो दाखिल हुई है, लेकिन रिपोर्ट सीलबंद होने की वजह से इसकी जानकारी राज्य सरकार के पास नहीं है. उधर, एसआईटी ने हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है. बताया कि लॉरेंस के पहले इंटरव्यू की जांच कंपलीट होने वाली है.