क्या वीकेंड मैरिज? जो दूर रहकर बना रही है मैरिड कपल के रिश्तों को मजबूत, जानें ये न्यू कॉन्सेप्ट
वीकेंड मैरिज का असली मतलब है दूरी के बावजूद एक मजबूत इमोशनली जुड़े रहना. इस तरह की शादी में पति-पत्नी हफ्ते के दिनों में अलग-अलग शहरों या घरों में रहते हैं, अपने-अपने काम और ज़िम्मेदारियाँ निभाते हैं, और फिर जब मौका मिलता है. अक्सर वीकेंड में एक-दूसरे से मिलते हैं और अपने रिश्ते को समय देते हैं.

आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में, जहां नौकरी और करियर सबसे ऊपर होते हैं, वहां लोग अपने रिश्तों को नए ढंग से जीने लगे हैं. अब शादी का मतलब हर दिन साथ रहना नहीं रह गया है. 21वीं सदी की तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी में, जहां करियर की होड़, स्थान की सीमाएं और सेल्फ-रिलायंस की इच्छा रिश्तों को नई दिशा दे रही है, 'शादी' जैसा स्थायी रिश्ता भी नए रूप में सामने आ रहा है.
अब शादी का मतलब हमेशा साथ रहना नहीं, बल्कि समझदारी से थोड़ा अलग, लेकिन दिल से जुड़े रहना भी हो सकता है. जिसने एक नई सोच को जन्म दिया है जिसका नाम है वीकेंड मैरिज. ऐसा करने के पीछे वजह है, करियर की ज़रूरतें, अपनी आज़ादी की इच्छा, और मानसिक शांति. इस रिश्ते में प्यार, भरोसा और समझ बनी रहती है. बस साथ रहने का तरीका थोड़ा अलग होता है.
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क्या है वीकेंड मैरिज
इस नए तरह की शादी में पति-पत्नी हमेशा साथ नहीं रहते. वे सिर्फ़ वीकेंड या कुछ खास दिनों में मिलते हैं. अक्सर वे अलग-अलग शहरों में रहते हैं या अलग-अलग घरों में. यह तरीका अजीब लग सकता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि उनमें प्यार कम है बल्कि ये एक व्यावहारिक फैसला होता है. कभी-कभी ये फैसला करियर, पढ़ाई या अपनी आज़ादी और निजी समय के कारण लिया जाता है. आजकल बहुत से कपल शादी को पुराने ढंग से नहीं, बल्कि अपनी ज़रूरतों के हिसाब से जी रहे हैं.
क्या कहता है ये कपल
कई कपल्स के लिए शादी की बुनियाद आज भी मजबूत है. जैसे इमोशनल अटैचमेंट, एक-दूसरे की इज़्ज़त करना और साथ मिलकर गोल बनाना. लेकिन उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी थोड़ी अलग होती है. बेंगलुरु में रहने वाले एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बताते हैं कि उनकी पत्नी पुणे में काम करती हैं और रहती हैं. वह कहते हैं, 'हम हर वीकेंड मिलते हैं और वो दो दिन हमारे लिए बहुत खास होते हैं. हैरानी की बात ये है कि हमारी आपस में बहुत कम लड़ाई होती है.'
यह लाइफस्टाइल ऑप्शन नहीं जरूरत है
वीकेंड मैरिज का असली मतलब है दूरी के बावजूद एक मजबूत इमोशनली जुड़े रहना. इस तरह की शादी में पति-पत्नी हफ्ते के दिनों में अलग-अलग शहरों या घरों में रहते हैं, अपने-अपने काम और ज़िम्मेदारियाँ निभाते हैं, और फिर जब मौका मिलता है. अक्सर वीकेंड में एक-दूसरे से मिलते हैं और अपने रिश्ते को समय देते हैं. यह लाइफस्टाइल केवल एक ऑप्शन नहीं, बल्कि कई बार ज़रूरत भी बन जाती है, और इसके पीछे व्यक्तिगत और सामाजिक दोनों तरह के कारण होते हैं. मेट्रो शहरों में, जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु या पुणे, प्रोफेशनल करियर की माँगें इतनी ज़्यादा हैं कि पति पत्नी का 'हर दिन साथ रहना' वाला मैरिड लाइफ में मुश्किल हो गया है. ऐसे में कपल्स अपनी प्रऑरिटीज़ को नए सिरे से तय कर रहे हैं – करियर, आत्मनिर्भरता और व्यक्तिगत संतुलन को ध्यान में रखते हुए वीकेंड मैरिज की दिशा में अपनी शादी को आगे बढ़ा रहे हैं.
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