हर महिलाओं के पास जरूर होनी चाहिए ये साड़ी, पार्टी से लेकर पूजा तक के लिए हैं परफेक्ट
अलग-अलग राज्यों की साड़ियां उनकी खासियत और विविधता के लिए जानी जाती हैं. आइए जानते हैं ऐसी कुछ प्रकार की साड़ियां जो हर महिला के पास होनी चाहिए.

Types Of Sarees: साड़ी भारतीय परंपरा और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. हर महिला की अलमारी में कुछ खास तरह की साड़ियां होनी चाहिए जो हर मौके पर उनकी खूबसूरती को और बढ़ा देती हैं. अलग-अलग राज्यों की साड़ियां उनकी खासियत और विविधता के लिए जानी जाती हैं. आइए जानते हैं ऐसी कुछ प्रकार की साड़ियां जो हर महिला के पास होनी चाहिए.
बनारसी साड़ी
बनारसी साड़ी भारत की सबसे मशहूर और राजसी साड़ियों में से एक है. इसे बनारस (वाराणसी) में बनाया जाता है और यह अपनी जटिल जरी की कढ़ाई और सुंदर बूटियों के लिए जानी जाती है. शादी-ब्याह और बड़े मौकों पर इसे पहनने से शाही लुक मिलता है. यह साड़ी हर महिला की अलमारी में एक खास जगह रखती है.
कांजीवरम साड़ी
कांजीवरम साड़ी दक्षिण भारत की पारंपरिक साड़ी है जो अपनी चमकीली सिल्क और जरी के काम के लिए मशहूर है. इस साड़ी को शादी या विशेष धार्मिक अवसरों पर पहनने का चलन है. कांजीवरम साड़ी की विशेषता इसकी टिकाऊपन और रिच लुक है जो इसे हर महिला की वार्डरोब का जरूरी हिस्सा बनाता है.
चिकनकारी साड़ी
लखनऊ की चिकनकारी साड़ी अपनी सुंदर और नाजुक कढ़ाई के लिए जानी जाती है. यह साड़ी गर्मियों के मौसम में बेहद आरामदायक होती है. हल्की और कूल दिखने वाली इस साड़ी को किसी भी मौके पर पहना जा सकता है. इसके डिजाइन और लाइट फैब्रिक इसे खास बनाते हैं.
पटोला साड़ी
गुजरात की पटोला साड़ी डबल इकट शिल्पकला (sculpture) के लिए फेमस है. यह साड़ी geometric डिजाइन और चमकीले रंगों से सजी होती है. इसे खास मौकों पर पहना जाता है और यह हर महिला की अलमारी में एक बेहतरीन जोड़ हो सकती है.
तांत साड़ी
पश्चिम बंगाल की तांत साड़ी हल्के और आरामदायक कपड़े से बनी होती है. इसे खासतौर पर रोजमर्रा की जिंदगी और उत्सवों के लिए पहना जाता है. इसकी सादगी और सहजता इसे महिलाओं के बीच फेमस बनाती है.
भंडानी साड़ी
राजस्थान और गुजरात की भंडानी साड़ी रंग-बिरंगे डिजाइन और बंधेज कला के लिए फेमस है. यह साड़ी त्योहारों और खास आयोजनों में पहनने के लिए आदर्श मानी जाती है.