Begin typing your search...

शुगर के मरीजों को दूध पीना चाहिए या नहीं?

Should sugar patients drink milk or not: शुगर के मरीजों को दूध पीने में कोई हानि नहीं है, लेकिन उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि दूध का सेवन सीमित मात्रा में और सही प्रकार से किया जाए. लो-फैट दूध और संतुलित आहार के साथ इसे पीने से फायदे मिल सकते हैं. इसके साथ ही, यदि किसी व्यक्ति को लैक्टोज असहिष्णुता है, तो उन्हें दूध से बचना चाहिए या दूध के वैकल्पिक स्रोतों जैसे बादाम का दूध या सोया मिल्क का उपयोग करना चाहिए.

शुगर के मरीजों को दूध पीना चाहिए या नहीं?
X
Should sugar patients drink milk or not
स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 22 Nov 2024 1:50 AM

शुगर यानी डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो शरीर में इंसुलिन की कमी या उसकी कार्यक्षमता में कमी के कारण होती है, जिससे रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है. इस स्थिति में आहार पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है. अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या शुगर के मरीजों को दूध पीना चाहिए या नहीं. दूध एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन D, और अन्य आवश्यक मिनरल्स से भरपूर होता है, लेकिन क्या यह शुगर के मरीजों के लिए सुरक्षित है? आइए जानें इस पर विस्तार से.

शुगर के मरीजों के लिए दूध के फायदे

कैल्शियम और विटामिन D का स्रोत : दूध कैल्शियम और विटामिन D का अच्छा स्रोत होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक होते हैं. डायबिटीज के कारण हड्डियों में कमजोरी आ सकती है, और इस दृष्टिकोण से दूध पीने से लाभ हो सकता है.

प्रोटीन की मात्रा: दूध में उच्च गुणवत्ता का प्रोटीन पाया जाता है, जो मांसपेशियों को बनाए रखने में मदद करता है. डायबिटीज के मरीजों के लिए प्रोटीन एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है.

ब्लड शुगर के स्तर पर नियंत्रण: कुछ अध्ययनों के अनुसार, दूध के सेवन से रक्त में शर्करा का स्तर नियंत्रित रह सकता है, खासकर जब इसे संतुलित आहार के हिस्से के रूप में लिया जाता है. दूध में लैक्टोज होता है, जो शरीर में धीरे-धीरे टूटता है, जिससे रक्त शर्करा में अचानक वृद्धि नहीं होती.

शुगर के मरीजों के लिए दूध के नुकसान

लैक्टोज और शुगर का स्तर: दूध में प्राकृतिक शुगर (लैक्टोज) पाया जाता है, जो शुगर के मरीजों के लिए चिंता का विषय हो सकता है. लैक्टोज शरीर में शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकता है, खासकर जब दूध का सेवन अधिक मात्रा में किया जाता है.

फुल फैट दूध और उच्च कैलोरी: फुल फैट दूध में अधिक कैलोरी होती है, जो वजन बढ़ने का कारण बन सकती है. डायबिटीज के मरीजों को सामान्यतः वजन पर नियंत्रण रखने की सलाह दी जाती है, क्योंकि अधिक वजन रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है. इस स्थिति में लो-फैट दूध एक बेहतर विकल्प हो सकता है.

इंसुलिन रिसिस्टेंस: कुछ शोधों में यह पाया गया है कि दूध और डेयरी उत्पादों का अत्यधिक सेवन इंसुलिन रिसिस्टेंस को बढ़ा सकता है, जिससे शुगर का स्तर और बढ़ सकता है. इसलिए दूध का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए.

शुगर के मरीजों के लिए दूध का सही सेवन

लो-फैट या स्किम दूध का चयन करें: अगर आप शुगर के मरीज हैं, तो फुल फैट दूध के बजाय लो-फैट या स्किम दूध का सेवन करना बेहतर रहेगा. इससे आपको दूध के पोषक तत्व मिलते हैं, लेकिन कैलोरी और फैट कम रहता है.

दूध को संतुलित आहार के हिस्से के रूप में लें: दूध का सेवन संतुलित आहार के हिस्से के रूप में किया जाना चाहिए. अगर आप दूध पीते हैं, तो इसे अन्य कार्बोहाइड्रेट्स के साथ संयोजित करें ताकि रक्त शर्करा का स्तर स्थिर रहे.

एक्सपर्ट की सलाह लें

हर व्यक्ति की शारीरिक स्थिति अलग होती है, इसलिए शुगर के मरीजों को दूध का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर या डाइटीशियन से सलाह लेनी चाहिए. वह आपके व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए सही आहार की सलाह दे सकते हैं.

अगला लेख