Shefali Jariwala की गोरी त्वचा के चक्कर में मौत! जानें ग्लूटाथियोन इंजेक्शन कैसे बन सकता है जानलेवा
शेफाली जरीवाला की मौत के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हुए. कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक्ट्रेस हमेशा यंग दिखने के लिए एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट ले रही थीं. इसमें ग्लूटाथियोन इंजेक्शन दिए जाते हैं, जो बॉडी के लिए खतरनाक है.

42 साल की उम्र में एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की अचानक मौत ने सबको चौंका दिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने खाली पेट ग्लूटाथियोन और विटामिन C के IV इंजेक्शन लिए थे. ये इंजेक्शन नस में लगाए जाते हैं. इसके बाद उनका ब्लड प्रेशर गिर गया और हार्ट अटैक आ गया.
यह एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट के लिए ली जाने वाले इंजेक्शन हैं, जिससे स्किन हमेशा जवां रहती है. हालांकि अभी तक एक्ट्रेस की मौत के सही कारण की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन डॉक्टर इस घटना को एक खतरनाक सौंदर्य ब्यूटी ट्रेंड से जोड़ रहे हैं. चलिए जानते हैं क्या होता है ग्लूटाथियोन इंजेक्शन और यह कैसे जान के लिए खतरा बन सकता है.
क्या है ग्लूटाथियोन?
ग्लूटाथियोन एक ताकतवर एंटीऑक्सिडेंट है, जो हमारे शरीर में पहले से मौजूद होता है, लेकिन जब इसे बाहर से खासतौर पर इंजेक्शन के तौर पर लिया जाता है, तो इसका मकसद त्वचा को गोरा करना और रंग हल्का करना होता है. दरअसल ग्लूटाथियोन त्वचा के मेलानिन (जो त्वचा को रंग देता है) को कम करता है.
ग्लूटाथियोन कैसे लिया जाता है?
ग्लूटाथियोन का इस्तेमाल कई तरीकों से किया जा सकता है. ग्लूटाथियोन टैबलेट्स या इफर्वेसेंट फॉर्म में आता है. यह सबसे सेफ तरीका माना जाता है, जो धीरे-धीरे असर करता है और इसके साइड इफेक्ट्स भी कम होते हैं. इसके अलावा, क्रीम या लोशन जिसे सीधे त्वचा पर लगाया जाता है. इससे रंग में बहुत तेज़ बदलाव नहीं लाता, लेकिन त्वचा की बनावट में फर्क लाता है. IV इंजेक्शन का तरीका सबसे तेजी से असर दिखाता है, लेकिन सबसे खतरनाक भी होता है. इससे एलर्जी, लो बीपी, और लीवर को नुकसान होने का खतरा रहता है.
डॉक्टर से सलाह है जरूरी
बहुत से लोग बिना डॉक्टर के सलाह के इन ब्यूटी इंजेक्शनों का इस्तेमाल करने लगते हैं. खासतौर पर जब सोशल मीडिया पर इसका प्रमोशन होता है. लेकिन शरीर के अंदर सीधे कुछ डालना, वो भी बिना पूरी जानकारी के, बहुत जोखिम भरा हो सकता है. शेफाली जरीवाला की दुखद मौत एक चेतावनी है कि खूबसूरती की चाह में हम अपनी सेहत से खिलवाड़ न करें. तेज़ नतीजों के पीछे भागने से पहले यह समझना ज़रूरी है कि हमारे शरीर की एक सीमा होती है. बिना एक्सपर्ट की सलाह के कोई भी इंजेक्शन या दवा लेना, खासतौर से नसों में दिया जाने वाला इलाज, खतरनाक हो सकता है.