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महंगे ब्रांड्स का जमाना हुआ पुराना, अल्ट्रा-रिच का नया सिंबल है प्राइवेसी और पर्सनलाइजेशन

एक समय था जब लोग लग्जरी कारें और महंगे कपड़ों के जरिए अपनी अमीरी दिखाते थे, लेकिन दौर बदल गया है. अब अमीरी शो के तरीके में बदलाव आ गया है. अब लोग इन मैटेरियलिस्टिक के बजाय प्राइवेसी और पर्सनलाइजेशन को इंपोर्टेंस दे रहे हैं.

महंगे ब्रांड्स का जमाना हुआ पुराना, अल्ट्रा-रिच का नया सिंबल है प्राइवेसी और पर्सनलाइजेशन
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( Image Source:  META AI )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 14 Nov 2025 7:20 PM IST

एक समय था जब अमीरी महंगे ब्रांड्स अमीरी की निशानी हुआ करते थे, लेकिन अब दौर बदल गया है. लग्जरी ब्रांड्स के दिन गए. यह कहना गलत नहीं होगा कि अब डियॉर, वर्साचे और डोल्से और गब्बाना स्टेट्स सिंबल नहीं रहे. दरअसल अब आसानी से लोगों को सस्ती नकली और लग्जरी चीजें मिल जाती हैं. अब अमीरी दिखाने का तरीका बदल गया है.

अपर क्लान अपने पैसों को ज्यादा क्रिएटविट तरीकों से दिखा रहा है, जिसका कुछ मामलों में खुले खर्च से कोई लेना-देना नहीं है. प्राइवेसी, हॉलीडे, नई चीजें और खुद को एक्सप्रेस करना अमीरी के नए सिंबल बन गए हैं.

प्राइवेसी बना नया सिंबल

अब अल्ट्रा-रिच होना मतलब महंगे गाड़ी और कपड़े नहीं बल्कि प्राइवेसी है. इतना ही नहीं, अब लोग वर्क लाइफ बैलेंस पर भी ध्यान दे रहे हैं. अब लोग खाली समय में एक्सरसाइज करना और अपनी हॉबी से जुड़ी चीजें करना पसंद करते हैं. अब लग्जरी ब्रांड की चमक फीकी पड़ती जा रही है, क्योंकि अब इनमें कोई नए डिजाइन नहीं आते हैं. इसलिए अब रिच लोग ऐसे चीजें खरीदना या पहनना पसंद कर रहे हैं, जो उनकी पर्सनैलिटी को शो करे.

चीजों तक आसानी से एक्सेस

पहले के समय में फिट बॉडी और फ्लॉलेस स्किन को अमीरी के तौर पर देखा जाता था, लेकिन अब कॉस्मैटिक ट्रीटमेंट सस्ते हो गए हैं, जिससे अब कोई भी आसानी से बेदाग त्वचा पा सकता है. ऐसे में अब लग्जरी ब्रांड के सामने चुनौती आ खड़ी है कि वह कस्टमर के इंटरेस्ट के हिसाब से चीजें कैसे बदलें?

22 लाख का बैग 7 हजार में

हमेंस बिरकिन के बैग कभी 22 लाख रुपये में मिलते थे, जो अमीरी का सिबंल था. लेकिन अब दौर बदल गया है. अब मार्केट में कई नई कंपनियां आ गई हैं. हरमेंस का यह बैग अब वॉलमार्ट जैसी कंपनियां 7 हजार रुपये में बेच रही हैं. यह हाल सिर्फ बैग तक ही सीमित नहीं है बल्कि लुई विंता, डियोर और बरबरी जैसे महंगे ब्रांड्स का मुनाफा भी घट रहा है.

लग्जरी ब्रांड से दूरी

डेटा के मुताबिक साल 2022 से 2024 तक करीब 5 करोड़ कस्टमर्स ने लग्जरी ब्रांड से दूरी बना ली है. महज दो साल में इतना फर्क आया है, तो सोचिए आने वाले समय में क्या होगा?

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