सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं, बच्चों में ये गुण भरता है शतरंज
शतरंज एक मनोरंजक और रोमांचक खेल है। क्या बच्चे और क्या बड़े, हर कोई इसे खेलना पसंद करता है।

शतरंज एक मनोरंजक और रोमांचक खेल है। क्या बच्चे और क्या बड़े, हर कोई इसे खेलना पसंद करता है। सोच-विचार कर खेला जाने वाला यह खेल, केवल मनोरंजक नहीं, बल्कि कई मायनों में खास है। आपको बताते हैं कि अगर बच्चे नियमित रूप से शतरंज खेलते हैं, तो उनमें किन गुणों का विकास हो सकता है।
धैर्य और अनुशासन
शतरंज एक धीमा खेल हो सकता है, जिसमें धैर्य और अनुशासन बहुत जरूरी होते हैं।बच्चे जब शतरंज खेलते हैं तो उन्हें अपनी चालों पर ध्यान केंद्रित करना पड़ता है और जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।इससे वे धैर्य रखना और अनुशासित रहना सीखते हैं। यह आदत उनके जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी मददगार साबित होती है, जैसे कि पढ़ाई में या किसी अन्य गतिविधि में जहां ध्यान और संयम की जरूरत होती है।
प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल
शतरंज खेलने से बच्चे समस्याओं का समाधान करने के नए तरीके सीखते हैं।इस खेल में कई बार ऐसी स्थितियां आती हैं, जहां उन्हें तुरंत समाधान निकालना होता है। इससे उनकी समस्या-सुलझाने की क्षमता मजबूत होती जाती है।यह कौशल उनके स्कूल या घर पर आने वाली चुनौतियों का सामना करने में मदद करता है।शतरंज की शिक्षा बच्चों को तर्कसंगत और रचनात्मक सोचने के लिए प्रेरित करती है, जिससे वे जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों में सफल होते हैं।
निर्णय लेने की क्षमता
शतरंज खेलने से बच्चों में निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है। इस खेल में हर चाल एक अहम निर्णय होती है जो पूरे खेल को प्रभावित कर सकती है।बच्चे जब बार-बार ऐसे निर्णय लेते हैं तो उनकी समझदारी और आत्मविश्वास बढ़ता जाता है। इससे वे अपने जीवन के अन्य अहम फैसले भी बेहतर तरीके से ले पाते हैं और चुनौतियों का सामना करने में अधिक सक्षम होते हैं।
क्रिएटिविटी
शतरंज खेलने से बच्चों की रचनात्मकता भी प्रोत्साहित होती है। इस खेल में कई बार अनोखी चालें चलनी पड़ती हैं जिनके बारे में पहले सोचा नहीं गया होता।इससे बच्चे नए तरीकों से सोचना सीखते हैं और उनकी कल्पनाशक्ति बढ़ती है।यह खेल बच्चों को समस्याओं का हल निकालने के लिए अलग-अलग नजरियों से विचार करना सिखाता है, जिससे उनकी सोचने की क्षमता और रचनात्मकता दोनों में सुधार होता है।