Begin typing your search...

खेल-खेल में सेटिंग! मुश्किल में डेटिंग ऐप्स, जानिए क्या ले सकता है उनकी जगह

धीरे-धीरे हर चीज का दौर खत्म होते जा रहा है. एक समय था जब लोग डेटिंग ऐप्स के जरिए पार्टनर ढूंढते थे, लेकिन अब वक्त बदल गया है. जेन जेड का माइंड शिफ्ट हो गया है और अब लोग खेल-खेल में अपना प्यार ढूंढ रहे हैं.

खेल-खेल में सेटिंग! मुश्किल में डेटिंग ऐप्स, जानिए क्या ले सकता है उनकी जगह
X
( Image Source:  freepik )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 15 Feb 2025 9:14 PM IST

अब डेटिंग ऐप के जरिए प्यार ढूंढने का जमाना पुराना हो गया, क्योंकि अब लोगों को वीडियो गेम खेलते दौरान पार्टनर मिल रहे हैं. जेस और नैट सैकड़ों मील दूर होने के बावजूद वीडियो गेम के जरिए हमसफर बन गए. यह कपल अब साल 2024 से मैनचेस्टर में साथ रह रहा है. कुछ एक्सपर्ट के मुताबिक उनकी जनरेशन के लोग डेटिंग ऐप्स से दूर जा रहे हैं और ऐसे प्लेटफॉर्म पर प्यार ढूंढ रहे हैं जो खासतौर पर रोमांस के लिए नहीं बनाए गए थे.

इसके जरिए लोगों को एक-जैसे इंटरेस्ट और लो प्रेशर एनवायरमेंट में पार्टनर ढूंढने का मौका मिल सकता है. ऐसा लगता है कि कुछ डिजिटल-नेटिव जेन जी के लिए स्वाइप करने के ऑप्शन की जगह अपनी पसंद की चीजें करने का तरीका हो सकता है.

क्या कहती है रिपोर्ट?

रिपोर्ट कहती है कि यंग जनरेशन डेटिंग ऐप्स से दूर हो रहे हैं. साल 2024 में ऑफकॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूके के टॉप 10 में लगभग 16% की गिरावट देखी गई है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि टिंडर ने 594,000 यूजर्स खो दिए, जबकि हिंज में 131,000, बम्बल में 368,000 और ग्रिंडर में 11,000 की गिरावट देखने को मिली. लंदन की मार्केटिंग असिस्टेंट डानेत टेस्फे के अनुसार यंग लोग डेटिंग ऐप्स के ऑप्शन तलाश रहे हैं. चाहे वह गेमिंग हो या रनिंग क्लब या एक्स्ट्रा करिकुलर क्लब जहां लोग एक-जैसी सोच वाले लोगों से मिल पाते हैं और आखिर में रोमांटिक रिश्ते बन जाते हैं.

हॉबी ऐप्स

हॉबी ऐप्स सोशल मीडिया की कुछ फीचर को अपना रहे हैं. 2023 में फिटनेस ऐप स्ट्रावा ने एक मैसेजिंग सर्विस शुरू किया, जिससे यूजर्स डायरेक्ट चैट कर सकते हैं. इस पर लंदन की एक 20 साल की एक लड़की ने बताया कि उसके दोस्त इसे अपने पसंदीदा लोगों के साथ फ़्लर्ट करने के तरीके के रूप में इस्तेमाल करते हैं. इसकी शुरुआत रनिंग रूट को लाइक करने से होती है. वहीं, स्ट्रावा का कहना है कि उनके डेटा से पता चलता है कि उसके एक्टिव जेन जेड मेंबर्स में से पांच में से एक फिटनेस क्लब के ज़रिए मिले किसी शख्स के साथ डेट पर गया है.

बदलाव क्यों?

अब ऐसे में सवाल उठता है कि इसके पीछे क्या कारण हो सकता है? जबकि डेटिंग ऐप्स शुरू में चॉइस का इल्यूजन और पार्टनर्स से मिलने का एक ट्रांसपेरेंट और एफिशिएंट तरीका पेश करते हुए दिखाई दिए, लेकिन असल में कई लोगों के लिए हकीकत अलग साबित हुई है.

प्यू रिसर्च सेंटर ने पाया कि डेटिंग-ऐप यूजर्स में से 46% ने कहा कि उनके एक्सपीरियंस कुल मिलाकर बहुत या कुछ हद तक नेगेटिव थे. यूजर्स नंबर्स में हाल ही में आई गिरावट कुछ ऐप्स के स्ट्रक्चर के तरीके का रिएक्शन भी हो सकता है.खासतौर पर पार्टनर्स को चुनने के लिए स्वाइप सर्विस. टिंडर ने इसे साल 2013 में लॉन्च किया था.

क्या है डेटिंग फ्यचूर?

बढ़ती ऑनलाइन दुनिया में रिश्तों को बेहतर बनाने का सॉल्यूशन सिर्फ ऑफलाइन जाना नहीं हो सकता है. इसके बजाय, ऐसे ऐप जो एक ऐसा एक्सपीरियंस दे सकते हैं, जो IRL इंटरैक्शन को बारीकी से दिखाता है. जबकि डिजिटल लोगों की उम्मीदों को टैप करते हुए आगे का रास्ता भी दिखा सकते हैं.


अगला लेख