खुशफहमी न पालें मर्द, महिलाओं ही नहीं आपको भी हो सकता है Breast Cancer, ये आदतें बदल लें...
मर्दों में ब्रेस्ट कैंसर दुर्लभ होता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पुरुषों को कैंसर नहीं हो सकता है. भले ही पुरुषों में ब्रेस्ट टिशू महिलाओं जैसा विकसित नहीं होते हैं. मगर पुरुषों के पास भी ब्रेस्ट के डक्ट्स होते हैं, जहां कैंसर होने का खतरा हो सकता है.

आज भी लोगों को लगता है कि ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ महिलाओं को ही होता है, लेकिन अब यह सोच बदलने की ज़रूरत है, क्योंकि पुरुषों में भी ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने आने लगे हैं और धीरे-धीरे यह खतरा बढ़ता जा रहा है. हालांकि पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर की दर महिलाओं की तुलना में काफी कम है, लेकिन इसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है.
दरअसल, पुरुषों के शरीर में भी ब्रेस्ट टिशू मौजूद होते हैं, जहां कैंसर ग्रोथ शुरू हो सकती है. समस्या ये है कि इस बीमारी को सिर्फ महिलाओं की समझकर पुरुष अक्सर शुरुआती संकेतों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं. जैसे ब्रेस्ट में गांठ, सूजन या निप्पल में बदलाव. इसी लापरवाही के चलते कैंसर बिना किसी रुकावट के शरीर में फैलने लगता है. इसलिए वक्त आ गया है कि पुरुष भी इस बीमारी को लेकर उतने ही जागरूक हों जितनी महिलाएं होती हैं. आइए जानते हैं पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी वो बातें जिन्हें जानना बेहद ज़रूरी है.
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पुरुषों में कैसे होता है कैंसर?
एक्सपर्ट के मुताबिक, पुरुषों में ब्रेस्ट टिशू महिलाओं की तरह पूरी तरह विकसित नहीं होते हैं, फिर भी उनके पास ब्रेस्ट डक्ट्स मौजूद होते हैं, जहां कैंसर विकसित होने की आशंका रहती है.
कभी नजरअंदाज ना करें ये संकेत
लोग अक्सर निप्पल के पास की गांठ को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, जबकि यही शुरुआती चेतावनी हो सकती है. पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों आर्मपिट या छाती में गांठ, स्किन पर सूजन, लालिमा या पपड़ी, निप्पल से डिस्चार्ज खासकर खून, निप्पल का अंदर की ओर धंसना, चेस्ट में लगातार दर्द या टेंडरनेस शामिल है.अगर समय रहते इलाज न मिले, तो ये गांठ अल्सर का रूप ले सकती है और घाव कभी नहीं भरते हैं.
किन पुरुषों को रहता है ज्यादा खतरा?
- जिन पुरुषों का खराब लाइफस्टाइल होता है, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. जैसे लंबे समय तक बैठना, शारीरिक गतिविधि की कमी और मोटापा ब्रेस्ट कैंसर का बड़ा रिस्क फैक्टर है.
- अगर परिवार में किसी महिला को ब्रेस्ट या ओवेरियन कैंसर हुआ हो, तो पुरुषों में भी रिस्क बढ़ता है. BRCA1 और BRCA2 जीन म्यूटेशन इसके लिए ज़िम्मेदार हो सकते हैं ,जो पुरुषों में ब्रेस्ट, प्रोस्टेट और पैंक्रियाटिक कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं.
- हफ्ते में 5 बार या ज्यादा शराब पीने से हार्मोनल गड़बड़ी होती है. स्मोकिंग और तंबाकू सेवन से कैंसर का रिस्क और बढ़ता है.
क्या है इलाज?
- शुरुआती स्टेज में ऑपरेशन कर गांठ और आसपास के टिशू हटा दिए जाते हैं. इसमें निप्पल, चेस्ट मसल्स और अंडरआर्म लिम्फ नोड्स भी शामिल हो सकते हैं.
- सर्जरी के बाद रेडिएशन थेरेपी की मदद से बचे हुए कैंसर सेल्स को खत्म किया जाता है, ताकि बीमारी वापस न आए.
- कीमो में दवाओं के ज़रिए कैंसर कोशिकाएं मारी जाती हैं. इसे सर्जरी से पहले या बाद में दिया जा सकता है.
- अगर कैंसर एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन की मदद से बढ़ रहा हो, तो हार्मोनल दवाओं के ज़रिए उसका असर रोका जाता है, जिसे हार्मोन थेरेपी कहा जाता है.
(यह आर्टिकल इंटरनेट से मिली जानकारी पर आधारित है.)