अब ये क्या बला है! कोरोना के बाद मंडरा रहा 'X' का खतरा, जानें इस बीमारी के लक्षण और रोकथाम
कोविड के बाद अब दुनिया दोबारा महामारी की कगार पर है. X बीमारी से अफ्रीका में कई लोगों की मौत हो चुकी है. हालाँकि यह बीमारी अभी तक भारत तक नहीं पहुंची है, लेकिन इसके चलते जान-माल को भारी नुकसान हो सकता है.

कोविड के बाद अब दुनिया पर डिजीज एक्स का खतरा मंडरा रहा है. इसके कारण दोबारा से महामारी का संकट पैदा हो सकता है. कई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि तेजी से फैलने और अनप्रिडिक्टेबल नेचर के चलते यह एक घातक बीमारी बन सकती है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने पैथोजेन्स के मंडराते खतरे को दिखाने के लिए इसे "डिजीज़ एक्स" का नाम दिया है. हालांकि, यह बीमारी अभी तक भारत में नहीं पहुंची है, लेकिन अगर इसे रोकने के उपायों को नजरअंदाज किया गया, तो यह बीमारी एक बड़ा खतरा बन सकती है.
"डिजीज़ एक्स" शब्द पैथोजन के अज्ञात प्रकृति को दिखाता है, जिससे कई अप्रत्याशित बीमारियां हो सकती हैं. यह बीमारी जूनोटिक सोर्स से पैदा हुई है, जो जानवरों से इंसानों में फैला है. साथ ही, डिफॉरेस्टेशन अर्बनाइजेशन और ग्लोबल ट्रैवल के कारण नए इंफेक्शन फैल रहे हैं.
कहां से आई ये बीमारी?
यह बीमारी कहां से आई है, इस बारे में सटीक नहीं पता चला है, लेकिन रिसर्चर ने अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्सों में इस बीमारी का प्रकोप देखा है. खासतौर पर जहां लोग वाइल्ड लाइफ के नजदीक या घनी आबादी में रहते हैं. डर इस बात का है कि यह पैथोजन महाद्वीपों में तेजी से फैल सकता है, जिससे ग्लोबल लेवल पर हेल्थ सर्विस सिस्टम बाधित हो सकता है.
डिजीज एक्स के लक्षण
चूंकि रोग एक्स एक प्लेसहोल्डर शब्द है, इसलिए इसके सटीक लक्षणों के बारे में पता नहीं चला है. हालांकि, एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि यह SARS, COVID-19 या इबोला जैसी बीमारियों के समान हो सकता है. इस इंफेक्शन को रोकने के लिए लक्षण जानना जरूरी है. बुखार और ठंड लगना, सांस लेने में तकलीफ, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं जैसे कि दस्त या उल्टी, बिना किसी कारण के ब्लीडिंग या चकत्ते, थकान और कमज़ोरी, सिरदर्द जैसे लक्षण शामिल हैं.
कैसे करें रोकथाम?
भारत में डिजीज़ एक्स के प्रभाव को कम करने के कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. सेफ्टी और अच्छी हेल्थ को बनाए रखने के लिए यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं:
- हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं. अपने चेहरे, खासकर आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचें.
- इसके अलावा, हवा में मौजूद पैथोजन्स के कॉन्टैक्ट में आने से बचने के लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क का इस्तेमाल करें.
- विटामिन और मिनरल्स से भरपूर बैलेंस डाइट लें. फिजिकली फिट रहें और कम से कम 8 घंटे की नींद जरूर लें.
- पालतू जानवरों से दूर बनाएं. मांस और मुर्गी अच्छी तरह से पकाकर ही खाएं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अज्ञात रोगाणुओं के बढ़ते खतरे को दर्शाने के लिए "रोग एक्स" शब्द गढ़ा है। हालाँकि यह बीमारी अभी तक भारत तक नहीं पहुँची है, लेकिन आज की दुनिया की परस्पर संबद्धता का मतलब है कि अगर निवारक उपायों की अनदेखी की गई तो यह एक बड़ा खतरा बन सकता है।