आखिर क्यों युवक ने खुद का काटा प्राइवेट पार्ट और कान? वजह कर देगी हैरान
सोचिए क्या हो जब एक शख्स खुद का ही प्राइवेट पार्ट काट दे. इतना ही नहीं, इसके बावजूद भी वह इमरजेंसी नंबर पर कॉल लगा पाता है. डॉक्टर ने बताया कि यह एक मानसिक बीमारी है, जो इंसान को भ्रमित कर देती है, जिससे उससे याद नहीं होता कि उसके साथ क्या हुआ है.

चेकिया के एक 31 लकड़हारे की जिंदगी में एक दिन ऐसा आया, जब उसने अपने शरीर के कई हिस्सों को खुद ही काट डाला। यह सब एक मानसिक विकार और नशीली दवाओं के असर में हुआ. उस दिन उसने अपना लिंग, नाक, दोनों कान काट दिए और गर्दन-छाती पर गहरे घाव कर लिए उसने अपना पूरा बायां हाथ भी लगभग काट डाला.
इतनी गंभीर चोटों के बावजूद, वह खुद ही इमरजेंसी कॉल लगाया. जब डॉक्टरों की टीम पहुंची, तो वह होश में था, लेकिन बेहद कमजोर और भ्रमित था, उसे यह भी ठीक से याद नहीं था कि उसके साथ क्या हुआ था. यह बीमारी क्रैटम के कारण हुई थी. चलिए जानते हैं पूरा मामला.
खून में मिला क्रैटम
डॉक्टरों ने उसकी जान तो बचा ली, लेकिन उसके कटे हुए अंगों को फिर से जोड़ना संभव नहीं था। बाद में उसे स्किन ग्राफ्ट सर्जरी भी करानी पड़ी. जांच में उसके खून में क्रैटम का एक्टिव कंपाउंड मिट्रैगिनीन और भांग के निशान मिले. डॉक्टरों ने बताया कि नशीली दवाओं और मानसिक बीमारी का मेल बहुत खतरनाक हो सकता है. ऐसे मामलों में व्यक्ति भ्रमित होकर खुद को या दूसरों को नुकसान पहुंचा सकता है.
क्या होता है क्रैटम?
क्रैटम एक पौधा है, जिसे कुछ देशों में कानूनी माना जाता है, तो कहीं पूरी तरह बैन है. यह ओपिओइड जैसा असर करता है और इसकी लत भी लग सकती है... कुछ लोग इसे दर्द कम करने या मानसिक समस्याओं के इलाज के लिए पीते हैं, लेकिन वैज्ञानिक तौर पर इसके फायदों के पुख्ता सबूत नहीं हैं. कई बार इसके साइड इफेक्ट्स जानलेवा भी साबित हो सकते हैं.
क्रैटम का असर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह लगभग एक दशक से क्रैटम के पत्तों को चाय में मिलाकर पी रहा था. यह सोचकर की यह सप्लीमेंट उसे उसके मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं में मदद करेगा. कम मात्रा में यह एनर्जी और मूड बढ़ाता है, लेकिन ज्यादा मात्रा में यह मतिभ्रम (हैलुसिनेशन) और भ्रम पैदा कर सकता है. उस व्यक्ति को पहले से ही सिज़ोफ्रेनिया था और वह अपनी दवाएं लेना छोड़ चुका था, जिससे उसकी मानसिक हालत और बिगड़ गई.
डॉक्टरों की चेतावनी
डॉक्टरों ने बताया कि नशीली दवाओं का मानसिक बीमारियों के साथ मेल खतरनाक मनोविकृति (psychosis) को जन्म दे सकता है, जिसमें व्यक्ति खुद को या दूसरों को नुकसान पहुंचा सकता है. क्रैटम के ओवरडोज से भ्रम, मतिभ्रम, और हिंसक व्यवहार हो सकता है.