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केरल में डबल अटैक: कोविड के साथ अब हेपेटाइटिस का विस्फोट, जानें बीमारी के लक्षण और कारण

केरल दोहरे सकंट से जूझ रहा है. जहां अभी कोविड अपने पैर पसार रहा है. वहीं, यहां हेपेटाइटिस का भी विस्फोट हो चुका है. हेपेटाइटिस लीवर पर अटैक करता है. यह बीमारी गंदे पानी और खाना खाने से होती है.

केरल में डबल अटैक: कोविड के साथ अब हेपेटाइटिस का विस्फोट, जानें बीमारी के लक्षण और कारण
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( Image Source:  META AI )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 3 Dec 2025 5:20 PM IST

जब केरल पहले से ही कोविड-19 के बढ़ते मामलों से जूझ रहा है, तब एक और नई मुसीबत हेपेटाइटिस ने दस्तक दे दी है. केरल का त्रिशूर जो पहले रंग-बिरंगे त्योहारों और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए जाना जाता था. अब अचानक डर और दहशत का केंद्र बन गया है.

स्वास्थ्य विभाग की हालिया रिपोर्ट में बताया गया कि केवल अप्रैल के अंत तक राज्य में 3,227 पुष्ट मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें 16 लोगों की जान जा चुकी है. त्रिशूर के साथ-साथ एर्नाकुलम, मलप्पुरम और कोझीकोड भी अब बीमारी के हॉटस्पॉट बनते जा रहे हैं. चलिए जानते हैं इस बीमारी के लक्षण से लेकर बचाव के तरीके.

पिछले साल भी आया था संकट

यह पहली बार नहीं है, जब केरल ने हेपेटाइटिस के मामलों में उछाल देखा हो. पिछले साल राज्य में 7,943 मामले और 81 मौतें दर्ज की गई थीं. मलप्पुरम और एर्नाकुलम के वेंगूर जैसे इलाकों में कई स्थानीय प्रकोपों की सूचना मिली थी. लेकिन इस बार चिंता और भी अधिक है, क्योंकि यह संकट कोविड की लहर के साथ सामने आया है.

गंदा पानी, गर्मी और बीमारी

विशेषज्ञों का मानना है कि गर्मियों के महीनों में पानी की कमी और गंदे पानी के सोर्स के कारण हेपेटाइटिस तेजी से फैलता है. जब साफ पीने का पानी नहीं होता, तो लोग मजबूरी में गंदा पानी पीते हैं, जिससे यह वायरस शरीर में घुस जाता है.

हेपेटाइटिस करता है लीवर पर हमला

हेपेटाइटिस कोई साधारण बीमारी नहीं है. यह एक लीवर की सूजन है. एक ऐसा रिएक्शन जो संक्रमण, चोट, या विषैले पदार्थों के कारण हो सकती है.

हेपेटाइटिस कैसे फैलता है?

हेपेटाइटिस कई कारणों से फैलता है. इनमें वायरल इंफेक्शन, गंदा पानी पीने और खाना खाने, केमिकल, अल्कोहल या मेडिसिन शामिल है. ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया से, जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही लीवर पर हमला करती है

इस बीमारी के लक्षण

हेपेटाइटिस कभी-कभी छिपकर हमला करता है. शुरुआती लक्षण आमतौर पर सामान्य थकावट जैसे होते हैं, जिन्हें लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं. इनमें थकान और कमजोरी, तेज़ बुखार, मतली और भूख की कमी, पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में दर्द और दस्त शामिल है.

अगर कंडीशन क्रोनिक हो जाए?

पीली त्वचा और आंखों में पीलापन, गहरा रंग का पेशाब, हल्का रंग का मल, उलझन या नींद में बदलाव, त्वचा पर लगातार खुजली. अगर नजरअंदाज किया जाए, तो अंजाम जानलेवा हो सकता है. डॉक्टरों के अनुसार, गंभीर या लंबे समय तक बने रहने वाले हेपेटाइटिस से कई परेशानियां हो सकती हैं. इनमें सिरोसिस (लीवर में स्थायी क्षति और निशान), लीवर कैंसर और लीवर फेलियर शामिल है.

बचाव के तरीके

वर्तमान हालात में सबसे ज़रूरी है सावधानी. उबला हुआ पानी पीना, साफ-सफाई का ध्यान रखना और लक्षण नजर आते ही डॉक्टर से संपर्क करना ही इस परेशानी से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता है.

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