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अब महिलाएं हो रही हैं पेटीकोट कैंसर का शिकार! डॉक्टर्स ने बताया कारण

ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर के बाद महिलाएं पेटीकोट कैंसर का शिकार हो रही हैं. हाल ही में डॉक्टर्स ने इस बीमारी से पीड़ित महिलाओं के ट्रीटमेंट की रिपोर्ट शेयर की है, जिसमें कई महिलाएं पेटीकोट की डोरी को टाइट से बांधती थी.

अब महिलाएं हो रही हैं पेटीकोट कैंसर का शिकार! डॉक्टर्स ने बताया कारण
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( Image Source:  Meta AI: Representative Image )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 15 Oct 2025 5:35 PM IST

हाल ही में एक स्टडी में डॉक्टर्स ने "पेटीकोट कैंसर" से पीड़ित दो महिलाओं के ट्रीटमेंट का डॉक्यूमेंटेशन किया है. पेटीकोट का कैंसर डोरी को कसकर बांधने के कारण हो सकता है. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज उत्तर प्रदेश के डॉक्टरों सहित डॉक्टरों ने कहा कि कमर की डोरी से स्किन पर लगातार प्रेशर और फ्रिक्शन से कुछ समय के लिए सूजन हो सकती है, जिससे अल्सर हो सकता है और कभी-कभी स्किन कैंसर भी हो सकता है.

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल केस रिपोर्ट्स में छपी स्टडी ने " ट्रेडिशनल कपड़ों की प्रथाओं से जुड़े संभावित स्वास्थ्य जोखिमों" के बारे में बताया है. डॉक्टरों ने कहा कि हालांकि इस घटना को पहले 'साड़ी कैंसर' के रूप में वर्णित किया गया है, लेकिन इसके लिए कमर की टाइट डोरी जिम्मेदार है.

पेटीकोट नहीं डोरी हो सकता है कारण

राइटर ने बताया कि इन महिलाओं में से एक 70 साल की एक महिला के दाहिने हिस्से पर स्किन अल्सर हो गया था, जिसके लिए उसने मेडिकल हेल्प ली थी. महिला को 18 महीने से स्किन अल्सर था, जो ठीक नहीं हो रहा था. डॉक्टर ने बताया कि कमर के स्किन के आसपास रंग गायब हो गया था, क्योंकि वह अपनी साड़ी के नीचे अपनी पेटीकोट पहनती थी, जिसे कमर के चारों ओर कसकर बांधा गया था.

लुगड़ा के कारण हुआ कैंसर

अन्य 60 साल की महिला के दाहिने हिस्से पर एक अल्सर था जो दो साल से ठीक नहीं हुआ था. इस महिला ने 40 साल तक रोजाना लुग्डा पहना. लुगड़ा को बिना पेटीकोट के कमर के चारों ओर बहुत कसकर बांधा जाता है. बायोप्सी से पता चला कि दोनों महिलाओं को मार्जोलिन अल्सर था, जिसे स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (अल्सरेटेड स्किन कैंसर) भी कहा जाता है.

क्यों होता है मार्जोलिन अल्सर?

राइट्स ने बताया कि दूसरी महिला में डायग्नोसिस के समय कैंसर उसके कमर में लिम्फ नोड्स में से एक में फैल गया था. उन्होंने बताया कि मार्जोलिन अल्सर दुर्लभ है, लेकिन यह आक्रामक हो सकता है. इसके आगे उन्होंने बताया कि यह पुराने जलने के घावों, न भरने वाले घावों, पैर के अल्सर, ट्यूबरक्लोसिस स्किन नोड्यूल और टीकाकरण और सांप के काटने के निशानों में डेवलप होता है.

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