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दूध या दही, हेल्थ के लिए कौन हैं बेस्ट? इस्तेमाल करने से पहले जरूर जानें

दूध और दही दोनों ही स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं और प्रत्येक का अपना महत्व है. बच्चों के लिए दोनों को सही मात्रा में शामिल करना फायदेमंद साबित हो सकता है. यदि आपका बच्चा एक समय में किसी एक को ही पसंद करता है, तो आप दही और दूध के बीच संतुलन बना सकते हैं.

दूध या दही, हेल्थ के लिए कौन हैं बेस्ट? इस्तेमाल करने से पहले जरूर जानें
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Curd or milk
स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Updated on: 25 Oct 2024 3:22 PM IST

Curd or milk which one is more healthy: दूध और दही दोनों ही सेहत के लिए अत्यधिक लाभकारी माने जाते हैं. जहां दूध में विटामिन बी2, बी12, फॉस्फोरस, कैल्शियम और पोटेशियम जैसे आवश्यक पोषक तत्व भरपूर होते हैं, वहीं दही में प्रोटीन, विटामिन सी और कैल्शियम की उच्च मात्रा होती है. दही विशेष रूप से प्रोबायोटिक होता है, जो आंतों की सेहत को सुधारने और इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक है. लेकिन अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या बच्चों और बड़ों के लिए दूध ज्यादा फायदेमंद है या दही? आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से.

दूध और दही: कौन है बच्चों के लिए आवश्यक?

न्यूट्रिशन विशेषज्ञों के अनुसार, जब बच्चा छह महीने का हो जाता है, तब उसके भोजन में दही को शामिल करना फायदेमंद होता है. दही बच्चों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है और यह एक बेहतरीन प्रोबायोटिक फूड भी है. इससे बच्चों का पाचन तंत्र बेहतर रहता है. बच्चों को फ्रिज में रखी ठंडी दही देने से बचना चाहिए; इसके बजाय उन्हें हमेशा रूम टेंपरेचर वाली दही ही दें.

हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि बच्चों को दूध से पूरी तरह दूर रखा जाए. दूध भी एक महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का स्रोत है और उन्हें एक समय पर दूध भी दिया जाना चाहिए.

दही खाने के स्वास्थ्य लाभ

दही की तुलना में दूध पाचन में थोड़ा भारी हो सकता है. जहां दूध का अधिक सेवन करने से कभी-कभी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, वहीं दही आसानी से पचता है और पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में मदद करता है. इसके साथ ही दही में मौजूद विटामिन सी बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में सहायक होता है. नियमित रूप से दही का सेवन करने से बच्चों को मौसमी बीमारियों और सर्दी-खांसी का खतरा भी कम रहता है.

दूध या दही का चयन करते समय ध्यान देने योग्य बातें

बच्चों को दूध या दही देने का निर्णय करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. यदि बच्चे को लैक्टोज इनटॉलरेंस है या उसका पाचन तंत्र संवेदनशील है, तो दूध की जगह दही देना सही होता है. दही बच्चों की प्रोबायोटिक आवश्यकताओं को पूरा करने का एक बढ़िया विकल्प है. इसके अतिरिक्त, केवल दूध पर निर्भर रहने वाले बच्चे अक्सर अन्य खाद्य पदार्थों को स्वीकारने में हिचकिचाते हैं. दही का सेवन बच्चों की स्वाद ग्रंथियों को बढ़ावा देता है, जिससे वे अन्य फूड आइटम्स को भी आसानी से स्वीकार कर सकते हैं.

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