सावधान! बिना डॉक्टर की सलाह ली गई पीरियड्स रोकने की दवा बन सकती है जानलेवा
आजकल कई महिलाएं छुट्टियों, त्योहारों, परीक्षाओं, इंटरव्यू, या शादियों में शामिल होने के लिए बिना डॉक्टर की सलाह के ये गोलियां ले लेती हैं. लेकिन ज़्यादातर लोग यह नहीं जानते कि इन दवाओं में हार्मोन की हाई वॉल्यूम होती है.
यह खबर हर उस महिला के लिए चेतावनी है जो किसी शादी, ट्रिप या धार्मिक समारोह में जाने के लिए अपने पीरियड्स रोकने या टालने की गोलियां लेने का सोचती है. अक्सर महिलाओं को लगता है कि यह एक आसान और क्विक सोल्यूशन है, लेकिन हाल ही में सामने आई एक दर्दनाक घटना ने दिखा दिया कि यह कितनी खतरनाक साबित हो सकती है. इस महीने की शुरुआत में भारतीय वैस्कुलर सर्जन डॉ. विवेकानंद ने एक दिल दहला देने वाली घटना शेयर की. उन्होंने बताया कि एक 18 साल लड़की ने धार्मिक समारोह के दौरान पीरियड्स न आने के लिए हार्मोनल गोलियां ली.
उसे लगा कि यह गोलिया मदद करेंगी, लेकिन यह उसकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा खतरा साबित हुईं. गोलियां लेने के सिर्फ़ तीन दिन बाद ही लड़की को पैरों और जांघों में असामान्य दर्द और सूजन महसूस होने लगी. जब वह डॉक्टर के पास पहुंची तो जांच के दौरान पता चला कि उसे डीप वेन थ्रोम्बोसिस (डीवीटी) हो गया है. यह एक ऐसी गंभीर स्थिति है जिसमें खून का थक्का पैरों की गहरी नसों में जम जाता है और फैलते हुए जानलेवा साबित हो सकता है। उस लड़की के मामले में यह थक्का उसकी नाभि तक फैल चुका था.
इलाज में देरी और मौत
डॉ. विवेकानंद ने उसके पिता को तुरंत अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी थी, लेकिन परिवार ने अगले दिन सुबह तक इंतज़ार करने का फैसला किया. दुर्भाग्य से रात करीब दो बजे लड़की की हालत अचानक बिगड़ गई. उसे इमरजेंसी रूम में ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. वह सांस नहीं ले पा रही थी और उसकी मौत हो गई. डॉ. विवेकानंद ने कहा कि उन्हें इस घटना का बहुत अफसोस है. उन्होंने बताया कि उन्हें लगता है कि उन्हें परिवार पर और ज़ोर देना चाहिए था, ताकि वे तुरंत उसे अस्पताल ले जाते.
क्यों ख़तरनाक हैं पीरियड्स टालने की गोलियां?
आजकल कई महिलाएं छुट्टियों, त्योहारों, परीक्षाओं, इंटरव्यू, या शादियों में शामिल होने के लिए बिना डॉक्टर की सलाह के ये गोलियां ले लेती हैं. लेकिन ज़्यादातर लोग यह नहीं जानते कि इन दवाओं में हार्मोन की हाई वॉल्यूम होती है. यही हार्मोन शरीर में खून के थक्के बनने का खतरा बहुत ज़्यादा बढ़ा देते हैं.
डीवीटी (Deep Vein Thrombosis) के लक्षण –
-एक पैर में असामान्य सूजन
-लगातार दर्द या कोमलता
-प्रभावित हिस्से में गर्माहट महसूस होना
-स्किन का लाल या नीला पड़ जाना
-अगर समय रहते इसका इलाज न हो, तो खून का थक्का फेफड़ों तक पहुँच सकता है और मरीज की जान जा सकती है
महिलाओं के लिए सबक
यह घटना हमें यह सिखाती है कि डॉक्टर की सलाह के बिना पीरियड्स टालने वाली गोलियां लेना बेहद खतरनाक हो सकता है. थोड़ी-सी सुविधा पाने की कोशिश ज़िंदगी पर भारी पड़ सकती है. इसलिए अगर कभी ऐसी ज़रूरत हो तो दवाइयां खुद से न लें, बल्कि किसी योग्य स्त्री रोग विशेषज्ञ या डॉक्टर से ज़रूर परामर्श करें.





