तमिलनाडु के कल्याण के लिए नहीं करेंगे कोई समझौता, तीन-भाषा नीति पर बोले सीएम स्टालिन | Video
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने भाषा और निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन को राज्य के सामने बड़ी चुनौतियां बताया. उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए कहा कि तमिलनाडु अपने अधिकारों और आत्म-सम्मान की रक्षा के लिए संघर्ष करेगा. उन्होंने लोगों से एकजुट रहने और राज्य के हितों की रक्षा के लिए आगे आने का आह्वान किया.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि राज्य इस समय दो बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है. भाषा की लड़ाई और निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन का मुद्दा. उनके अनुसार, भाषा तमिलनाडु की जीवनरेखा है, जबकि परिसीमन के खिलाफ लड़ाई राज्य के अधिकारों की रक्षा से जुड़ी है. उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे इस मुद्दे को लोगों तक पहुंचाएं, क्योंकि यह राज्य के आत्म-सम्मान, सामाजिक न्याय और कल्याणकारी योजनाओं को सीधे प्रभावित करता है.
स्टालिन ने कहा कि कर्नाटक, पंजाब और तेलंगाना जैसे राज्यों से भी तमिलनाडु को समर्थन मिल रहा है. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह अपनी नीतियों को थोपने की कोशिश कर रही है. तीन-भाषा नीति की वजह से पहले ही तमिलनाडु के सही फंड को रोका गया है. साथ ही, सरकार यह स्पष्ट करने को तैयार नहीं है कि अन्य राज्यों की संसदीय सीटों को असंगत रूप से नहीं बढ़ाया जाएगा.
राज्य के लोग हों एकजुट
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी मांग है कि केवल जनसंख्या के आधार पर संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण न किया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि तमिलनाडु अपने अधिकारों और भविष्य को लेकर कभी समझौता नहीं करेगा. उन्होंने राज्यवासियों को एकजुट रहने का आह्वान करते हुए कहा, 'तमिलनाडु विरोध करेगा, तमिलनाडु प्रबल होगा'.सिद्धारमैया ने गृहमंत्री पर साधा निशाना
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दक्षिणी राज्यों को परिसीमन प्रक्रिया में नुकसान न होने के आश्वासन को अविश्वसनीय करार दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि शाह का बयान दक्षिणी राज्यों में भ्रम फैलाने की कोशिश लगता है. उन्होंने आरोप लगाया कि या तो गृहमंत्री को पूरी जानकारी नहीं है या फिर कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश को नुकसान पहुंचाने की मंशा रखते हैं.