क्या आप भी 15 मिनट में चश्मा हटने के झांसे में आए हैं... आखिर माजरा क्या है? फुल स्टोरी
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 'प्रेसवू आई ड्रॉप' की मंजूरी वापस ले ली है. इससे पहले, सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की एक्सपर्ट कमेटी ने इस दवा की सिफारिश की थी, और एंटोड फार्मास्यूटिकल्स को इस पर DCGI से अंतिम मंजूरी मिली थी. इस लेख में जानें आखिर क्यों 'प्रेसवू आई ड्रॉप' की मंजूरी हुई वापस.

नई दिल्ली : ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 'प्रेसवू आई ड्रॉप' की मंजूरी वापस ले ली है. इससे पहले, सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की एक्सपर्ट कमेटी ने इस दवा की सिफारिश की थी, और एंटोड फार्मास्यूटिकल्स को इस पर DCGI से अंतिम मंजूरी मिली थी. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि प्रेस और सोशल मीडिया में प्रचार के कारण जनता में इसके उपयोग और सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे. दवा को केवल डॉक्टर की सलाह से इस्तेमाल करने के लिए मंजूरी मिली थी, लेकिन इसे ओवर-द-काउंटर दवा की तरह प्रचारित किया जा रहा था, जिससे इसके गलत इस्तेमाल का खतरा बढ़ गया.
क्या है दवा खारिज होने की वजह?
इस मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए डॉक्टर रोहित सक्सेना ने बताया कि यह दवा पिछले तीन साल से अमेरिका में उपलब्ध है और इसका काम नजदीकी चीजों को कुछ घंटों के लिए साफ दिखाना है. हालांकि, इसका प्रचार इस तरह हुआ कि लोगों को लगा कि इससे चश्मे की जरूरत पूरी तरह खत्म हो जाएगी, जो एक गलतफहमी थी. इसी वजह से इस दवा पर अब रोक लगा दी गई है.
जवाब न मिलने पर हुई कार्रवाई
CDSCO ने एंटोड फार्मास्यूटिकल्स के उस दावे का नोटिस लिया, जिसमें कहा गया था कि यह आई ड्रॉप नजदीकी चश्मे की जरूरत को कम करने के लिए बनाई गई है. उन्होंने यह भी दावा किया कि यह दवा 15 मिनट के भीतर नजदीकी नजर को सुधारती है. लेकिन CDSCO ने स्पष्ट किया कि इस दवा को ऐसे किसी भी दावे के लिए मंजूरी नहीं दी गई थी. दवा कंपनी को 5 सितंबर को नोटिस भेजा गया, लेकिन सही जवाब न मिलने पर यह कार्रवाई की गई. एंटोड फार्मास्यूटिकल्स के सीईओ, निखिल मसूरकर, ने कहा कि वे इस फैसले को अदालत में चुनौती देंगे.
सुरक्षा संबंधी चिंताएं
अन्य दवाओं की तरह, इस आई ड्रॉप से भी कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. अमेरिका में इसके उपयोग के दौरान कई साइड इफेक्ट्स, जैसे सरदर्द और दूर की नजर कमजोर होना, रिपोर्ट हुए हैं. इसलिए इसे केवल डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए.
कंपनी का दावा
एंटोड फार्मास्यूटिकल्स के अनुसार, यह आई ड्रॉप 234 रोगियों पर किए गए क्लिनिकल ट्रायल पर आधारित है, जिसने इसकी प्रभावकारिता और सुरक्षा को साबित किया.यह आई ड्रॉप प्रेसबायोपिया (उम्र के साथ नजर कमजोर होना) के इलाज के लिए बनाई गई है, जिसमें नजदीक की चीजें देखने में परेशानी होती है.
कंपनी ने आगे बयान में कहा, 'समान सक्रिय घटक और समान सांद्रता वाली ऐसी ही एक आई ड्रॉप्स को अमेरिकी में FDA ने मंजूरी दे दी है और पिछले तीन साल से अमेरिका में इनका मार्केट बिना किसी गंभीर जटिलता के किया जा रहा है. FDA ने अमेरिका में ऐसी दवाओं को बेचने वाली कंपनियों पर कोई कार्रवाई नहीं की.'