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सायरन बजेगा, लाइटें बुझेंगी... पाक से सटे राज्यों में ब्लैक आउट, जानें क्यों किया जा रहा है ऑपरेशन शील्ड?

भारत-पाक तनाव के बीच आज छह राज्यों में ऑपरेशन शील्ड के तहत ब्लैकआउट मॉक ड्रिल होगी. लाइटें बंद रहेंगी, सायरन बजेंगे और लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने के निर्देश मिलेंगे. एनडीआरएफ, पुलिस, स्वास्थ्य एजेंसियां और सिविल डिफेंस मिलकर इस अभ्यास को अंजाम देंगी. मकसद है — देश की तैयारी की असली तस्वीर देखना और खामियों को वक्त रहते सुधारना.

सायरन बजेगा, लाइटें बुझेंगी... पाक से सटे राज्यों में ब्लैक आउट, जानें क्यों किया जा रहा है ऑपरेशन शील्ड?
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नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Published on: 31 May 2025 9:14 AM

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए देश के सीमावर्ती राज्यों में शनिवार को ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत मॉक ड्रिल की जाएगी. ये अभ्यास जम्मू-कश्मीर, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में होगा. केंद्र सरकार ने ये आदेश गृह मंत्रालय के ज़रिए जारी किए हैं ताकि किसी भी आकस्मिक हालात से निपटने की तैयारी समय रहते की जा सके.

इस बार की मॉक ड्रिल पिछली बार से अलग और ज़्यादा रियलिस्टिक होगी. ब्लैकआउट किया जाएगा यानी घरों और गलियों की सभी लाइटें बंद होंगी, सायरन की आवाजें गूंजेंगी और लोगों को सुरक्षित स्थानों की तरफ जाने के निर्देश दिए जाएंगे. प्रशासन का कहना है कि यह सिर्फ़ अभ्यास है, लेकिन इसकी गंभीरता वैसी ही होगी जैसी असली हालातों में होती है.

क्यों किया जा रहा है ऑपरेशन शील्ड?

ऑपरेशन शील्ड का मकसद सिर्फ़ एक मॉक ड्रिल करना नहीं है, बल्कि ये एक बड़ा रियलिटी टेस्ट है. एक ऐसी स्थिति के लिए, जब देश को अचानक किसी संकट या हमले का सामना करना पड़े. सरकार यह परखना चाहती है कि अगर कभी सच में ब्लैकआउट या एयर रेड जैसे हालात बनें, तो आम लोग और प्रशासन कितनी समझदारी और तेजी से प्रतिक्रिया देते हैं.

इस अभ्यास के ज़रिए इमरजेंसी प्रोटोकॉल का रिहर्सल होगा, सिस्टम की ताकत और कमियों का आंकलन किया जाएगा और यह देखा जाएगा कि ज़मीन पर तैनात एजेंसियां एकजुट होकर कितनी कुशलता से काम करती हैं. अगर आप जम्मू या किसी बॉर्डर राज्य में रहते हैं, आज रात 8 बजे जब सायरन बजे तो लाइट बंद करें, घबराएं नहीं और इस राष्ट्रीय अभ्यास का हिस्सा बनें. एक सतर्क, संगठित और सुरक्षित भारत के निर्माण में आपकी भूमिका भी उतनी ही जरूरी है.

सभी एजेंसियां रहेंगी एक्टिव

इस मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और कई अन्य इमरजेंसी सेवाएं मिलकर हिस्सा लेंगी. इसका मकसद है कि कोई भी एजेंसी हालात से कैसे निपटती है, यह परखा जा सके. इसके साथ ही, यह भी देखा जाएगा कि ब्लैकआउट के दौरान आम नागरिक और स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया कैसी होती है.

डरें नहीं, सहयोग करें

प्रशासन ने साफ कहा है कि यह सिर्फ़ मॉक ड्रिल है और लोगों को डरने की जरूरत नहीं है. बल्कि उनसे सहयोग की उम्मीद की जा रही है. अगर ब्लैकआउट के दौरान लाइट बंद रखने और सुरक्षित जगहों पर पहुंचने जैसे निर्देश दिए जाएं, तो उन्हें गंभीरता से लेना होगा. ये अभ्यास ज़रूरी है ताकि किसी भी आपात स्थिति में हम तैयार रह सकें.

जानिए आपका इलाका कब होगा ब्लैकआउट

अमृतसर में रात 8 से 8:30 तक ड्रिल चलेगी, जबकि चंडीगढ़ में 8 से 8:10 तक ब्लैकआउट रखा जाएगा. हरियाणा में यह अभ्यास शाम 5 बजे से शुरू होगा और सभी 22 जिलों में एक साथ किया जाएगा. ड्रिल की टाइमिंग हर राज्य की प्रशासनिक योजना के अनुसार तय की गई है, ताकि ज्यादा से ज्यादा असर और सटीकता सुनिश्चित हो सके.

ड्रिल से निकलेगी तैयारी की हकीकत

जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील इलाकों में ड्रिल के दौरान अस्पताल, एंबुलेंस और फायर सर्विस जैसे ज़रूरी सिस्टम पूरी तरह सक्रिय रहेंगे. अधिकारियों का कहना है कि इस ड्रिल से कई खामियां सामने आएंगी जिन्हें तुरंत दुरुस्त किया जाएगा. यानी यह अभ्यास महज़ औपचारिकता नहीं, बल्कि भविष्य के लिए एक रियलिटी चेक भी है.

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