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तेलंगाना सुरंग में फंसे 8 मजदूरों को बचाना क्यों है मुश्किल, किस तरीके से किया जाएगा रेस्क्यू?

तेलंगाना की श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग में 8 मजदूर फंसे हुए हैं, जिससे बचाव अभियान चुनौतीपूर्ण हो गया है. सुरंग में पानी भरा होने और रिसाव के कारण राहत कार्य में देरी हो रही है. ड्रिलिंग असंभव है, लेकिन ऑक्सीजन आपूर्ति चालू है. मेडिकल टीमें हाई अलर्ट पर हैं, जबकि पानी निकालने और बचाव की कोशिशें जारी हैं.

तेलंगाना सुरंग में फंसे 8 मजदूरों को बचाना क्यों है मुश्किल, किस तरीके से किया जाएगा रेस्क्यू?
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 23 Feb 2025 6:50 AM IST

तेलंगाना के श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग में फंसे आठ मजदूरों को बचाने का अभियान बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है. बचाव दल और विशेषज्ञों ने बताया कि सुरंग में पानी भरा होने के कारण राहत कार्य बाधित हो रहा है. बचाव अभियान शुरू करने से पहले सबसे बड़ी चुनौती पानी निकालने की है. कीचड़ घुटनों तक पहुंच गया है.

सुरंग को कृष्णा नदी के पानी को नलगोंडा जिले तक पहुंचाने के लिए बनाया जा रहा है और पिछले पांच वर्षों से इसका निर्माण कार्य चल रहा है. बचाव दल के अनुसार, सुरंग में पानी चारों ओर भरा हुआ है और पहाड़ियों से भी लगातार रिसाव हो रहा है. यह रिसाव सुरंग की छत से कुछ हद तक नियंत्रित हो जाता है, लेकिन हाल ही में यही छत ढह गई, जिससे संकट और गहरा गया.

बचाव के लिए क्या बनाया जा रहा प्लान?

पहला कदम सुरंग से पानी निकालना है, जिसके लिए 100 और 70 हॉर्स पावर के दो पंप लाए गए हैं. पानी निकालने के बाद, मजदूरों को निकालने के लिए कन्वेयर बेल्ट का उपयोग किया जाएगा. इसके अलावा, सुरंग के अंदर ड्रोन भेजकर स्थिति का आकलन किया जाएगा ताकि बचावकर्मियों को अनावश्यक जोखिम से बचाया जा सके.

ड्रिलिंग संभव नहीं, जोखिम ज्यादा

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुरंग की छत पर मोटी चट्टान की परतें हैं, जिससे ऊपर से ड्रिलिंग करना लगभग असंभव है. यही कारण है कि बचाव दल ने इस विकल्प को खारिज कर दिया है. इसके बजाय, वे अन्य वैकल्पिक मार्गों से मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य बचाव दल ने सुरंग के अंदर जाकर निरीक्षण किया.

50 में से 42 लोग सुरक्षित निकले

सुरंग में दो बार धंसाव हुआ, जब पहली बार यह हादसा हुआ, तब वहां कुल 50 लोग मौजूद थे. 42 मजदूर किसी तरह बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन 150 मीटर आगे एक और धंसाव हुआ, जिससे आठ मजदूर अंदर ही फंसे रह गए. अब इंजीनियरिंग टीम पूरे क्षेत्र की स्थिरता का आकलन कर रही है, ताकि सुरक्षित बचाव संभव हो सके.

फंसे मजदूरों की हुई पहचान

फंसे मजदूरों में उत्तर प्रदेश के मनोज कुमार और श्रीनिवास, झारखंड के संदीप साहू, जगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू, जम्मू-कश्मीर के सनी सिंह और पंजाब के गुरप्रीत सिंह शामिल हैं. अधिकारियों ने पुष्टि की है कि सुरंग के अंदर वेंटिलेशन सिस्टम काम कर रहा है, जिससे मजदूरों को ऑक्सीजन की आपूर्ति जारी है.

हाई अलर्ट पर मेडिकल टीम

संभावित स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए एम्बुलेंस और मेडिकल टीमें हाई अलर्ट पर रखी गई है. डॉक्टर भी किसी भी तरह की चिकित्सा सहायता देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. बचाव अभियान तेजी से जारी है और मजदूरों को जल्द सुरक्षित निकालने की हरसंभव कोशिश की जा रही है.

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