सीरिया में असद सरकार के तख्तापलट से भारत को क्यों हो रही चिंता?
सीरिया में बशर अल-असद सरकार का तख्तापलट हो गया है और असद भागकर रूस पहुंच चुके हैं. सीरिया में फिलहाल सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित हैं तो वहीं दूसरी ओर एक्सपर्ट इस मामले के भारत पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंता जता रहे हैं. तो आइए जानते हैं.

सीरिया में बशर अल-असद सरकार का तख्तापलट हो गया है और असद भागकर रूस पहुंच चुके हैं. सूत्रों के अनुसार, सीरिया में मौजूद सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित हैं. दमिश्क में भारतीय दूतावास अभी भी कार्यरत है और वहां से भारतीय नागरिकों की सुरक्षा पर नजर रखी जा रही है. तो वहीं दूसरी ओर एक्सपर्ट इस मामले के भारत पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंता जता रहे हैं. तो आइए जानते हैं.
न्यूज 18 की रिपोर्ट मुताबिक, इस्लामवादी नेतृत्व वाले विद्रोहियों द्वारा सीरिया के लंबे समय तक शासक रहे बशर अल- असद को पद से हटान से भारत के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं. उन्होंने इस बात जोर डाला है कि यह घटनाक्रम देश के व्यापार और सुरक्षा हितों को प्रभावित कर सकता है. वहीं कश्मीर मुद्दे पर भी भारत को झटका लग सकता है क्योंंकि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद कश्मीर मुद्दे पर असद शासन भारत के पक्ष में था.
असद के जाने के बाद सीरिया में भारतीयों की सुरक्षा पर असर देखने को मिल सकता है क्योंकि इससे क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ सकती है. इससे ISIS जैसे आतंकवादी संगठनों का फायदा होगा. जिसका असर भारत पर भी हो सकता है क्योंकि इस आतंकवादी संगठन की उपस्थिति यहां भी है.
भारत और सीरिया के बीच कैसा है संबंध?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले एक साल में अमेरिका ने सीरिया और बांग्लादेश जैसे दो देशों में सत्ता परिवर्तन में भूमिका निभाई है. इससे पहले इराक और लीबिया में भी इसी प्रकार का हस्तक्षेप देखा गया था. सीरिया और भारत के बीच भले ही कोई प्रत्यक्ष संबंध न हो, लेकिन इन देशों में सत्ता परिवर्तन से उत्पन्न अस्थिरता का अप्रत्यक्ष प्रभाव व्यापक होता है.
भारत और सीरिया एक दूसरे के कितने करीब?
भारत और सीरिया के बीच ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण संबंध है. भारत सीरियाई तेल के सबसे बड़े खरीदारों में से एक है. भारत सीरिया से प्रतिदिन लगभग 1,00,000-1,50,000 बैरल तेल आयात करता है और तेल आयात प्रति वर्ष लगभग 2-3 बिलियन डॉलर है. भारत ने सीरिया की रिफाइनरियों को उन्नत करने के लिए तकनीकी सहायता और निवेश प्रदान किया है, जिसका असर पड़ने वाला है.'
सीरियाई विद्रोहियों को बशर अल- असद को देश से भागने पर मजबूर करने में केवल 11 दिन लगे है. इस कदम के बाद दमिश्क में जश्न मनाया गया है. रविवार को असद के राजधानी से भागने के साथ ही पांच दशक के क्रूर बाथ पार्टी शासन के नाटकीय अंत के साथ जश्न में गोलीबारी शुरू हो गई. विद्रोहियों द्वारा 11 दिन में असद की सरकार गिर गई जबकि सरकार विरोधी प्रदर्शनों पर असद की कार्रवाई के कारण सीरिया में गृहयुद्ध भड़क उठा था - जो विद्रोहियों के आगे बढ़ने से पहले तक काफी हद तक शांत हो गया था.