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कौन थे कश्यप ऋषि, जिनका अमित शाह ने किया जिक्र? जानें कश्मीर से क्या था कनेक्शन

Kashyap Rishi: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक किताब के विमोचन के मौके पर कहा कि कश्यप ऋषि के नाम पर कश्मीर का नाम पड़ा होगा, जिसके बाद से यह सवाल उठने लगे कि क्या अब कश्मीर का नाम बदल जाएगा... हालांकि, शाह ने नाम बदलने का कोई जिक्र नहीं किया था. आइए आपको कश्यप ऋषि के बारे में बताते हैं कि वे कौन थे और उनका कश्मीर से क्या कनेक्शन था...

कौन थे कश्यप ऋषि, जिनका अमित शाह ने किया जिक्र? जानें कश्मीर से क्या था कनेक्शन
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'जहां शिव सरस्वती ऋषि कश्यप हुए, वो कश्मीर हमारा था...', द कश्मीर फाइल्स का यह डायलॉग तो आपने जरूर सुना होगा. इसमें बताया गया है कि जहां, शिव, सरस्वती और ऋषि कश्यप हुए, वो कश्मीर हमारा था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक किताब के विमोचन के मौके पर ऋषि कश्यप का जिक्र किया और कहा कि हो सकता है कि उनके नाम पर ही कश्मीर का नाम रखा गया हो.

ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल पैदा हो रहा है कि आखिर कश्यप ऋषि कौन थे, उनके माता-पिता कौन थे और उनके बेटे कितने थे? आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं...

कश्यप ऋषि कौन थे?

ऋषि कश्यप को हिंदू धर्म में बहुत सम्मान दिया जाता है. उनके नाम पर एक गोत्र भी है. कश्यप ऋषि का जन्म महर्षि मरीचि के यहां हुआ था. उनकी मां का नाम कला था. उनकी 13 पत्नियां थी, जिनके नाम अदिति, दिति, दनु, काष्ठा, अरिष्टा, सुरसा, इला, मुनि, क्रोधवशा, ताम्रा, सुरभि, तिमि, विनता, कद्रू, पतांगी और यामिनी था.

कश्यप ऋषि ने अपना पूरा जीवन अध्ययन, तपस्या और लोगों की सेवा में समर्पित किया. उनके बारे में कहा जाता है कि समुद्र मंथन के समय उन्होंने देवताओं और असुरों दोनों को ही अपने ज्ञान और शक्ति का उपयोग करके सहायता की थी. उन्होंने देवताओं को अमृत पाने में मदद की और असुरों को उनकी शक्ति का उपयोग करने में सहायता की.

कश्यप ऋषि के कितने बेटे थे?

कश्यप ऋषि की पत्नी अदिति से 12 आदित्य हुए. इनमें भगवान विष्णु का वामन अवतार भी शामिल है. वहीं, दैत्य पुत्री दिति से उनकी तीन संतान हिरण्यकश्यप, हिरण्याक्ष और सिंहिका हुए.हिरण्यकश्यप का भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर वध किया था. दनु से उनके 61 बेटे पैदा हुए. सुरसा नाम रानी से राक्षस हुए. इला से वृक्ष, लता और पृथ्वी पर उगने वाली दूसरी वनस्पतियां हुईं.

ऋषि कश्यप को सृष्टि का जनक भी कहा जाता है. उन्होंने बहुत से ग्रंथों की रचना की. वे सप्त ऋषियों में से एक थे. वे दैत्य और देवता, दोनों के पिता थे. दिति से कश्यप ऋषि की 49 संतानें और हुईं, जो मरुन्दण कहलाए. रानी काष्ठा से घोड़े आदि एक खुर वाले जानवर पैदा हुए, जबकि अरिष्टा से गंधर्व, मुनि के गर्भ से अप्सराएं और क्रोधवशा से सांप-बिच्छू ादि विषैले जन्तु पैदा हुए.

ताम्र से बाज और गिद्ध, सुरभि से भैंस, गाय औ दो खुर वाले जानवर, सरसा से बाघ आदि हिंसक जीव, तिमि से जल में रहने वाले जंतु और विनता से गरुण और वरुण पैदा हुए. कद्रू रानी के गर्भ से नाग पैदा हुए. रानी पतंगी के गर्भ से पक्षियों का जन्म हुआ, जबकि यामिनी ने शलभों को जन्म दिया.

कश्यप ऋषि ने वैश्वानर की दो बेटियों पुलोमा और कालका के साथ भी शादी की थी. इससे पैलोम और कालकेय नाम के 60 राक्षसों का जन्म हुआ. ये बाद में निवातकवच कहलाए.

कश्मीर का कश्यप ऋषि से क्या कनेक्शन है?

कश्मीर और कश्यप ऋषि के बीच एक प्राचीन और महत्वपूर्ण कनेक्शन है. कश्मीर का नाम कश्यप ऋषि के नाम पर रखा गया है, जो प्राचीन काल में इस क्षेत्र में रहते थे. प्राचीन हिंदू ग्रंथों और पौराणिक कथाओं के अनुसार, कश्यप ऋषि ने कश्मीर घाटी में तपस्या की थी. उन्होंने इस क्षेत्र में कई आश्रम और तीर्थ स्थापित किए, जो आज भी कश्मीर में पाए जाते हैं.

कश्मीर का पुराना नाम क्या है?

कश्मीर का प्राचीन नाम 'कश्यपपुर' या 'कश्यपमेरु' था. समय के साथ यह नाम 'कश्मीर' में बदल गया. कश्मीर में कई प्राचीन मंदिर और तीर्थ स्थल हैं, जो कश्यप ऋषि से जुड़े हुए हैं. इनमें से एक प्रमुख तीर्थ स्थल है कश्मीर का प्रसिद्ध अमरनाथ मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है. इस मंदिर की स्थापना कश्यप ऋषि ने की थी.

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