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कौन थे मिर्जा नजफ खान, जिनके नाम पर रखा गया दिल्‍ली के नजफगढ़ का नाम?

दिल्‍ली के नजफगढ़ का नाम बदलने का प्रस्‍ताव यहां की नई सरकार की विधायक नीलम पहलवान ने विधानसभा में रखा है. खुद नजफगढ़ में रहने वाले कई लोगों को ये नहीं मालूम होगा कि उनके इलाके का यह नाम आया कहां से.

कौन थे मिर्जा नजफ खान, जिनके नाम पर रखा गया दिल्‍ली के नजफगढ़ का नाम?
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प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Updated on: 27 Feb 2025 7:27 PM IST

दिल्‍ली का नजफगढ़ एक बार फिर चर्चा में है. वजह यह है कि दिल्‍ली में भाजपा की सरकार बनने के बाद विधानसभा का सत्र चल रहा है और उसी में बीजेपी विधायक नीलम पहलवान ने सदन में नजफगढ़ का नाम बदलने का प्रस्ताव रख दिया. उनकी मांग है कि नजफगढ़ का नाम बदलकर नाहरगढ़ कर दिया जाए. नीलम पहलवान ने कहा कि पहले भी नाम बदलने की कई कोशिशें हुईं लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी. विधायक नीलम पहलवान ने दावा किया कि औरंगजेब ने इसका नाम नाहरगढ़ से बदल कर नजफगढ़ रखा था. हालांकि, ऐतिहासिक प्रमाण बताते हैं कि इस क्षेत्र का नाम मिर्जा नजफ खान के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने इसे एक महत्वपूर्ण सैन्य केंद्र के रूप में विकसित किया.

कैसे पड़ा नजफगढ़ का नाम?

दिल्ली के नजफगढ़ का नाम मुगलों के प्रतिष्ठित सेनानायक मिर्जा नजफ खान (1723-1782) के सम्मान में रखा गया था. यह क्षेत्र कभी एक महत्वपूर्ण सैन्य छावनी और प्रशासनिक केंद्र था, जिसे नजफ खान ने अपनी रणनीतिक सूझबूझ से विकसित किया. 18वीं शताब्दी में, जब मुगल साम्राज्य कमजोर हो रहा था, तब दिल्ली के आसपास मराठा, जाट और रोहिला जैसी शक्तियों का प्रभाव बढ़ रहा था. इस चुनौतीपूर्ण समय में, मुगल सेना के प्रमुख मिर्जा नजफ खान को राजधानी की रक्षा और प्रशासन को संगठित करने का दायित्व सौंपा गया. उन्होंने दिल्ली के पश्चिमी क्षेत्र में एक मजबूत सैन्य छावनी और किला स्थापित किया, जिससे मराठों और अन्य बाहरी आक्रमणकारियों से मुगल साम्राज्य की रक्षा की जा सके. यही क्षेत्र बाद में 'नजफगढ़' के नाम से जाना जाने लगा, जिसका शाब्दिक अर्थ है 'नजफ का किला'.

तो कौन थे मिर्जा नजफ खान और इतिहास में उनकी क्या भूमिका थी? यह जानने और समझने के लिए हमें 1757 ई. में लड़ी गई प्लासी की लड़ाई में जाना होगा.

मीर कासिम के सबसे दमदार सेनापति

1757 में प्लासी की लड़ाई के बाद, अंग्रेजों ने बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला को गद्दी से हटाकर मीर जाफ़र को सत्ता की चाभी सौंप दी. मीर जाफ़र को अंग्रेज अपनी कठपुतली मानते थे लेकिन वह भी जल्‍दी ही अंग्रेजों की मांगों से परेशान हो गया और उनके खिलाफ ही साजिश रचने लगा. लेकिन अंग्रेजों ने उसे भी मात दे दी और उसकी जगह उसी के दामाद मीर कासिम को बंगाल का नवाब बना दिया. लेकिन अंग्रेजों की उम्‍मीद के विपरीत मीर कासिम ने कुछ ऐसे कदम उठाए जो अंग्रेजों को नागवार गुजरे. इसके बाद मीर कासिम और अंग्रेजों के कई लड़ाइयां हुईं. अब यहीं एंट्री होती है मिर्जा नजफ खान की, जो मीर कासिम के सबसे प्रसिद्ध सेनापति थे.

ईरान से आए थे भारत

नजफ खान फारस, जिसे अब ईरान के नाम से जाना जाता है, के शाही सफ़वीद घराने से संबंध रखते थे और एक घुड़सवार सेनापति थे जो हाल ही में इस्फ़हान से भारत आए थे. इरान के शासक नादिर शाह ने सफवीदों को सत्ता से बेदखल कर दिया था, जिसके बाद मिर्जा नजफ खान 1735 ई. में दिल्ली आ गए थे. अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में नजफ खान ने मीर कासिम की तरफ से अहम भूमिका निभाई. 1764 ई. में बक्सर की लड़ाई में अंग्रेजों के खिलाफ मीर कासिम और अवध के नवाब शुजा-उद-दौला का गठबंधन भी नजफ शाह ने ही करवाया था, हालांकि इस लड़ाई में अंग्रेजों की जीत हुई थी. तत्‍कालीन मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय भी इस गठबंधन का हिस्‍सा रहे थे और उनकी सेना भी इस युद्ध में शामिल थी.

मुगल दरबार में एंट्री

जब शाह आलम द्वितीय दोबारा दिल्ली के सिंहासन पर बैठे, तब मिर्जा नजफ खान को उनकी योग्यता और सैन्य कुशलता के कारण मुगल सेना का सर्वोच्च सेनापति (मीर बख्शी) बनाया गया. उन्होंने न केवल मुगल सेना को पुनर्गठित किया, बल्कि प्रशासनिक सुधार भी किए.

मिर्जा नजफ खान ने कई युद्धों में जीत हासिल की, जिनमें प्रमुख थे:

1772 - दिल्ली की रक्षा: जब मराठाओं ने दिल्ली पर हमला किया, तो मिर्जा नजफ खान ने उनका डटकर मुकाबला किया और शहर की रक्षा की. वहीं रोहिला पठानों के खिलाफ सैन्य अभियान चलाया और उन्हें हराया.

1777 - जाटों के खिलाफ युद्ध: उन्होंने भरतपुर के जाटों को हराकर मुगल नियंत्रण पुनः स्थापित किया और मुगल सत्ता को मजबूत करने के लिए मराठाओं से भी संघर्ष किया.

1782 में मिर्जा नजफ खान की मौत के बाद मुगल सेना कमजोर पड़ गई, जिससे मराठाओं और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को दिल्ली पर प्रभुत्व स्थापित करने का अवसर मिला. उनका मकबरा दिल्ली में सफदरजंग के पास स्थित है, जो आज भी एक ऐतिहासिक धरोहर के रूप में मौजूद है.

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