ऑपरेशन सिंदूर के दौरान असीम मुनीर से भारत पर हमले की अपील करने वाली शमा परवीन अंसारी कौन?
बेंगलुरु की रहने वाली शमा परवीन को गुजरात ATS ने गिरफ्तार किया. उस पर अल-कायदा का प्रचार करने, भारत सरकार और हिंदू समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने और पाकिस्तानी आर्मी चीफ से भारत पर हमला करने की अपील करने जैसे गंभीर आरोप हैं. सोशल मीडिया पर उसके 10 हज़ार से ज़्यादा फॉलोअर्स थे. गिरफ्तारी UAPA के तहत हुई है.

बेंगलुरु के एक फ्लैट से गुजरात ATS ने एक 30 साल की महिला को गिरफ्तार किया है, जिसने अपने मोबाइल फोन से सीधे देश की सुरक्षा को चुनौती दी. नाम है शमा परवीन अंसारी – सोशल मीडिया पर हजारों फॉलोअर्स वाली ये महिला भारत विरोधी कंटेंट शेयर कर रही थी. यही नहीं, पाकिस्तानी आर्मी चीफ असीम मुनीर से भारत पर हमला करने की खुली अपील तक कर चुकी है.
गुजरात पुलिस की ATS ने इसे आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी माना है. जांच में सामने आया है कि शमा परवीन सिर्फ वीडियो शेयर नहीं कर रही थी, बल्कि कट्टरपंथी एजेंडे को बढ़ावा देने, हिंदू समुदाय और भारत सरकार के खिलाफ नफरत फैलाने, और जिहादी सोच को प्रमोट करने की कोशिश में थी. अब उसे UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया है और उसका पूरा नेटवर्क खंगाला जा रहा है.
कौन है शमा परवीन?
बेंगलुरु के हेब्बल इलाके की रहने वाली शमा परवीन अंसारी, उम्र 30 साल, बेरोजगार है. वह अपने छोटे भाई के साथ एक किराए के फ्लैट में रहती थी. वह मूलतः झारखंड की रहने वाली है. सोशल मीडिया पर एक्टिव थी और फेसबुक-इंस्टाग्राम मिलाकर उसके 10,000 से ज्यादा फॉलोअर्स थे. ATS के मुताबिक वह कई महीने से सोशल मीडिया के जरिए अल-कायदा का प्रचार कर रही थी.
सोशल मीडिया से फैला रही थी जहर
शमा फेसबुक पर दो पेज और इंस्टाग्राम पर एक अकाउंट चलाती थी, जिनके जरिए वह अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) और दूसरे कट्टरपंथी विचारकों की बातें शेयर करती थी. उसके पोस्ट उग्र, भड़काऊ और भारत-विरोधी थे. वह लोगों को जिहादी सोच की तरफ खींचने की कोशिश कर रही थी.
पाकिस्तानी जनरल से भारत पर हमले की मांग
ऑपरेशन सिंदूर के ठीक दो दिन बाद 9 जुलाई को शमा ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली जिसमें उसने पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर से कहा, “आपके पास एक सुनहरा मौका है... इस्लाम के प्रचार के लिए खिलाफत लागू करें, मुस्लिम जमीन को एक करें और हिंदुत्व को मिटा दें.” ये पोस्ट अब ATS के पास डिजिटल सबूत के तौर पर मौजूद है.
सेना और संविधान के खिलाफ भड़काने की कोशिश
ATS के अनुसार, शमा ने एक वीडियो शेयर किया जिसमें एक मौलवी भारतीय मुसलमानों को सेना का समर्थन करने और पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करने के लिए शर्मिंदा कर रहा है. मतलब, जो लोग आतंक के खिलाफ हैं, शमा के नेटवर्क उन्हें ही गलत ठहरा रहा था.
लाहौर से जोड़ती थी आग
दूसरे वीडियो में लाहौर की लाल मस्जिद के इमाम अब्दुल अज़ीज़ को दिखाया गया है, जो भारत में खिलाफत लागू करने और सशस्त्र क्रांति की बात कर रहा है. ये वीडियो शमा ने अपने फॉलोअर्स को भेजा. यही नहीं, भारत में हिंसा भड़काने के लिए गजवा-ए-हिंद जैसे नारों का इस्तेमाल भी हुआ.
गजवा-ए-हिंद और सीधा टारगेट हिंदू समुदाय
तीसरे वीडियो में AQIS का एक नेता गजवा-ए-हिंद की बात करते हुए, भारतीय लोकतंत्र और हिंदू समुदाय को निशाना बनाने की खुली धमकी देता दिखा. शमा ने यही वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया. ATS का कहना है कि इससे वह न सिर्फ विचारधारा फैला रही थी, बल्कि हिंसा के लिए उकसा भी रही थी.
पहले से जांच के दायरे में थी
ATS के मुताबिक शमा उन चार लोगों से जुड़ी थी जिन्हें कुछ हफ्ते पहले इंस्टाग्राम पर जिहादी कंटेंट फैलाने के लिए गिरफ्तार किया गया था. अब इन सभी पांचों के खिलाफ UAPA की धाराएं लगाई गई हैं. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि शमा और अलकायदा के बीच सीधा कनेक्शन था या सिर्फ डिजिटल प्रचारक की भूमिका निभा रही थी.
कैसे पकड़ी गई शमा?
ATS की टीम ने बेंगलुरु के हेब्बल इलाके में अचानक छापा मारा और शमा को उसके फ्लैट से अरेस्ट किया. उसके पास से पाकिस्तान से जुड़ा डिजिटल डेटा और सबूत भी मिले हैं. गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने इसे बड़ी गिरफ्तारी बताया है और कहा कि शमा भारत के खिलाफ सोशल मीडिया युद्ध छेड़ रही थी.