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कौन हैं जगमीत सिंह, जिन्होंने जस्टिन ट्रूडो की कुर्सी हिला दी?

जगमीत सिंह कनाडा की राजनीति में एक प्रमुख नाम हैं. वह न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के नेता हैं. जगमीत सिंह का सीधा संबंध पंजाब से है; उनका जन्म पंजाब के बरनाला जिले के ठीकरिवाल गांव में हुआ था. उनका परिवार 1993 में कनाडा चला गया था. जगमीत सिंह की पार्टी ने 2021 से जस्टिन ट्रूडो की सरकार को समर्थन प्रदान किया था.

कौन हैं जगमीत सिंह, जिन्होंने जस्टिन ट्रूडो की कुर्सी हिला दी?
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सागर द्विवेदी
by: सागर द्विवेदी

Updated on: 6 Sept 2024 1:07 PM IST

कनाडा की ट्रूडो सरकार अब मुश्किलों में घिर गई है. कहा जा रहा है कि अगर स्थिति इसी तरह बनी रही तो प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को अपने पद से इस्तीफा भी देना पड़ सकता है. सवाल यह है कि ऐसा क्या हुआ कि ट्रूडो की सरकार पर अचानक संकट के बादल मंडराने लगे? इसका उत्तर है जगमीत सिंह. वही जगमीत सिंह जिनकी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के समर्थन से कनाडा में ट्रूडो सरकार चल रही थी. लेकिन अब जगमीत सिंह ने ट्रूडो सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया है. जगमीत सिंह की पार्टी के इस फैसले के बाद से ट्रूडो सरकार संकट में है. अब यह जानना जरूरी है कि जगमीत सिंह कौन हैं और ट्रूडो के सामने अब कौन से विकल्प बचते हैं.

कौन हैं जगमीत सिंह

जगमीत सिंह कनाडा की राजनीति में एक प्रमुख नाम हैं. वह न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के नेता हैं. जगमीत सिंह का सीधा संबंध पंजाब से है; उनका जन्म पंजाब के बरनाला जिले के ठीकरिवाल गांव में हुआ था. उनका परिवार 1993 में कनाडा चला गया था. जगमीत सिंह की पार्टी ने 2021 से जस्टिन ट्रूडो की सरकार को समर्थन प्रदान किया था. ट्रूडो और जगमीत सिंह के बीच हुए इस समझौते को 'सप्लाई एंड कॉन्फिडेंस' समझौते के नाम से जाना जाता है। इसके तहत, ट्रूडो की लिबरल पार्टी को विश्वास मत के लिए समर्थन मिलता है.


खतरे में ट्रूडो की कुर्सी!


जगमीत सिंह की पार्टी एनडीपी और ट्रूडो की लिबरल पार्टी के बीच कुछ समझौते की शर्तें तय की गई थीं. यह समझौता संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की स्थिति में सरकार को बचाने के लिए किया गया था. इसके तहत, लिबरल पार्टी संसद में एनडीपी की प्रमुख प्राथमिकताओं का समर्थन करने पर सहमत हुई थी. इन प्राथमिकताओं में कम आय वाले परिवारों के लिए लाभ, नेशनल फार्माकेयर प्रोग्राम, और हड़ताल के दौरान दूसरे वर्कर्स के इस्तेमाल को रोकने वाले कानून शामिल थे. पिछले महीने कनाडा में दो सबसे बड़े रेलवे कंपनियों ने काम बंद कर दिया. इसके बाद, ट्रूडो की कैबिनेट ने इंडस्ट्रियल बोल्ट को बाध्यकारी मध्यस्थता लागू करने का निर्देश दिया, जिससे एनडीपी ने अपनी प्राथमिकताओं पर नए सिरे से विचार करना शुरू कर दिया.

अब कनाडा में ट्रूडो की सरकार संकट में है. ऐसे में सवाल यह है कि ट्रूडो के पास कौन से विकल्प बचे हैं. जानकार मानते हैं कि जगमीत सिंह की एनडीपी के समर्थन वापस लेने के ऐलान के बाद, ट्रूडो के पास एकमात्र विकल्प यही है कि वह अपने पद से इस्तीफा दें और देश में जल्दी चुनाव कराएं. यदि ट्रूडो चुनाव कराने से बचते हैं, तो उन्हें नए सहयोगियों की जरूरत होगी. ट्रूडो को बजट पारित कराने और हाउस ऑफ कॉमन्स में विश्वास मत से बचने के लिए नया गठबंधन बनाना होगा। बता दें कि कनाडा में अगला चुनाव अक्टूबर 2025 में होना है.

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