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PM Modi को मिली तारीफ! भारत को मिला 'रेसिप्रोकल टैरिफ', अब क्या होगा इसका असर?

India-America Reciprocal Tarrif: राष्ट्रपति ट्रम्पने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के लगभग 2 घंटे पहले भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा की. इसमें उन्होंने और भी कई देशों को शामिल किया है.

PM Modi को मिली तारीफ! भारत को मिला रेसिप्रोकल टैरिफ, अब क्या होगा इसका असर?
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India-America Reciprocal Tarrif
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 15 Feb 2025 8:53 AM IST

India-America Reciprocal Tarrif: अमेरिकी राष्ट्रपति और अपने अजीज दोस्त डोनाल्ड ट्रम्प से जब पीएम मोदी मिले, तो ट्रम्प ने कहा कि हमें आपकी बहुत याद आई... आपसे फिर से मिलकर बहुत अच्छा लगा. लेकिन टैरिफ पर नहीं पिघले ट्रम्प. यहां ये दोस्ती मात खा गई.

ट्रम्प ने यहां दोस्ती को किनारा कर साफ तौर पर 'रेसिप्रोकल टैरिफ' की बात सख्ती से की. पीएम मोदी के साथ खड़े ट्रम्प ने अपने अग्रेसिव मोड में कह, 'भारत जो भी शुल्क लेता है, हम भी वही शुल्क लेते हैं. इसलिए स्पष्ट रूप से कहें तो अब हमारे लिए यह मायने नहीं रखता कि वे क्या शुल्क लेते हैं.'

भारत के साथ व्यापार घाटे का सौदा - ट्रम्प

डोनाल्ड ट्रम्प ने आगे कहा, 'आज भारत के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा लगभग 100 अरब अमेरिकी डॉलर है. प्रधानमंत्री मोदी और मैं इस बात पर सहमत हुए हैं कि हम लंबे समय से चली आ रही असमानताओं को दूर करने के लिए बातचीत करेंगे.'

क्या है 'रेसिप्रोकल टैरिफ' ?

'रेसिप्रोकल टैरिफ' किसी देश से आयात किए जाने वाले उत्पादों पर लगने वाला कर है. इसका भुगतान सामान आयात करने वाली कंपनी अपने देश की सरकार को करती है.

अमेरिका के 'रेसिप्रोकल टैरिफ' का भारत पर क्या पड़ेगा असर?

ट्रम्प ने भारत समेत अन्य देशों पर 'रेसिप्रोकल टैरिफ' ये कहते हुए लगाया कि अमेरिका अब दूसरे देश की ओर से बहुत ज्यादा कीमत वसूले जाने को बर्दाश्त नहीं करेगा. बहुत सख्त टैरिफ के कारण भारत में सामान बेचना बहुत मुश्किल है. अब हम एक रेसिप्रोकल नेशन हैं.

ट्रम्प के 'रेसिप्रोकल टैरिफ' के कारण अमेरिका भारतीय कृषि उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाएगा और भारत में 50 फ़ीसदी से ज्यादा लोग कृषि पर निर्भर हैं. ज़्यादातर छोटे किसान हैं. वहीं अमेरिका जैसे देशों में बड़ी-बड़ी कंपनियां हैं, जो कृषि से जुड़े बिजनेस में लगी हैं. ऐसे में अगर एक छोटे किसान की किसी बड़ी कंपनी से प्रतिस्पर्धा हो, तो छोटे किसान को नुकसान होगा.

इसके ठीक अलग अमेरिका प्रोडक्ट के ऊपर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाएगा, तो भारत पर अधिक असर नहीं पड़ेगा. इसका कारण ये है कि अमेरिका जो प्रोडक्ट भारत भेजता है, वो प्रोडक्ट भारत अमेरिका नहीं भेजता है.

टेक्सटाइल और कृषि उत्पादों में भारत का आयात शुल्क ज़्यादा है. अगर अमेरिका भी रेसिप्रोकल टैरिफ के तहत वैसे आयात शुल्क उन्हीं सेक्टर के अलग-अलग प्रोडक्ट में लगाने लगे, तो भारत के लिए काफी मुश्किल हो जाएगी. कुल मिलाकर रेसिप्रोकल टैरिफ से भारत का निर्यात प्रभावित होगा और इसका असर किसान समेत कई क्षेत्रों के लोगों पर पड़ेगा.

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