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INS सूरत, नीलगिरी और वाघशीर की क्या है खासियत, जिसे नौसेना में किया जाएगा शामिल?

बुधवार को INS सूरत, INS नीलगिरि और INS वाघशीर को मुंबई स्थित नौसेना डॉकयार्ड में शामिल किया जाएगा. इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जानकारी दी गई है. PMO ने बयान में कहा कि तीन प्रमुख नौसैनिक लड़ाकू विमानों का नौसेना में शामिल होना रक्षा विनिर्माण और समुद्री सुरक्षा में वैश्विक नेता बनने के भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

INS सूरत, नीलगिरी और वाघशीर की क्या है खासियत, जिसे नौसेना में किया जाएगा शामिल?
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( Image Source:  ANI )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 15 Jan 2025 11:07 AM IST

INS Surat: भारतीय सेना युद्ध के मैदान में दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए हमेशा तैयार रहती है. सेना की ताकत बढ़ाने के लिए कई एडवांस टेक्नोलॉजी बेस्ड हथियारों को सेना में शामिल किया जा रहा है. इसी दिशा में अब नौसेना की ताकत बढ़ने वाली है. बुधवार को INS सूरत, INS नीलगिरि और INS वाघशीर को मुंबई स्थित नौसेना डॉकयार्ड में शामिल किया जाएगा.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार 15 जनवरी को तीनों जहाजों को नौसेना में शामिल किए जाने पर राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जानकारी दी गई है. बयान में कहा गया कि तीन प्रमुख नौसैनिक लड़ाकू विमानों का नौसेना में शामिल होना रक्षा विनिर्माण और समुद्री सुरक्षा में वैश्विक नेता बनने के भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन जहाजों की खासियत क्या है? ये युद्ध के दौरान नौसेना की कैसे मदद करेंगे? आगे हम आपको इनके बारे में बताएंगे.

क्या है INS लड़ाकू जहाजों की खासियत?

  1. आईएनएस सूरत दुनिया के सबसे बड़े और लड़ाकू विमानों में से एक है. यह P15B गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर परियोजना का चौथा और अंतिम जहाज है.
  2. पीएमओ ने बताया कि इसमें 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है और यह अत्याधुनिक हथियार-सेंसर पैकेज और नेटवर्क-केंद्रित क्षमताओं से लैस है.
  3. भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने P17A स्टील्थ फ्रिगेट परियोजना के पहले जहाज आईएनएस नीलगिरि को डिजाइन किया है.
  4. नौसेना के अनुसार, आईएनएस नीलगिरि शिवालिक श्रेणी के फ्रिगेटों की तुलना में एक बड़ी उन्नति है, जिसमें एडवांस टेक्नोलॉजी के जरिए से महत्वपूर्ण स्टेल्थ विशेषताएं और कम रडार सिग्नेचर शामिल हैं.
  5. नीलगिरि और सूरत दोनों ही विभिन्न प्रकार के हेलीकॉप्टरों का संचालन कर सकते हैं, जिनमें हल्का हेलीकॉप्टर चेतक और हाल ही में शामिल एमएच-60आर शामिल हैं.
  6. नौसेना ने बताया कि "दोनों जहाजों को नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है और वे सेंसर और हथियार पैकेजों से लैस हैं, जिन्हें मुख्य रूप से भारत में या अग्रणी वैश्विक निर्माताओं के साथ रणनीतिक सहयोग के माध्यम से विकसित किया गया है."
  7. P75 स्कॉर्पीन परियोजना की छठी और अंतिम जहाज आईएनएस वाघशीर, पनडुब्बी निर्माण में भारत की बढ़ती विशेषज्ञता का प्रतिनिधित्व करती है. इसे फ्रांसीसी नौसेना समूह के सहयोग से बनाया गया था.
  8. वाघशीर दुनिया की सबसे शांत और बहुमुखी डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों में से एक है.
  9. इसे सतह रोधी युद्ध, पनडुब्बी रोधी युद्ध, खुफिया जानकारी जुटाने, क्षेत्र की निगरानी और विशेष अभियानों सहित कई तरह के मिशनों को अंजाम देने के लिए डिजाइन किया गया है."
  10. यह पनडुब्बी वायर-गाइडेड टॉरपीडो, एंटी-शिप मिसाइलों और उन्नत सोनार प्रणालियों से बनाई गई है.
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