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'दहेज प्रताड़ना के लिए दूर के रिश्तेदारों को नहीं फंसा सकते', SC का बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दहेज प्रताड़ना को लेकर सुनवाई की. एक महिला ने अपने पति और उसके घरवालों समेत रिश्तेदारों पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. कोर्ट ने कहा कि पति के दूर के रिश्तेदारों को IPC की धारा 498ए के तहत घरेलू क्रूरता का आरोप लगाने वाली पत्नी के कहने पर दर्ज शिकायत में अनावश्यक रूप से न फंसाया जाए.

दहेज प्रताड़ना के लिए दूर के रिश्तेदारों को नहीं फंसा सकते, SC का बड़ा फैसला
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( Image Source:  canva )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 28 Nov 2024 1:27 PM IST

Supreme Court: हमारे देश में दहेज लेना और देना कानूनी रूप से एक अपराध है. अक्सर दहेज को लेकर महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा या उनकी हत्या के मामले सामने आते हैं. अब सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे ही एक मामले पर सुनवाई की. कोर्ट ने कहा कि दहेज के अपराध में पति के दूर के रिश्तेदारों को न फंसाया जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दहेज प्रताड़ना को लेकर सुनवाई की. एक महिला ने अपने पति और उसके घरवालों समेत रिश्तेदारों पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. इस पर कोर्ट ने कहा कि पति के दूर के रिश्तेदारों को IPC की धारा 498ए के तहत घरेलू क्रूरता का आरोप लगाने वाली पत्नी के कहने पर दर्ज शिकायत में अनावश्यक रूप से न फंसाया जाए.

क्या है मामला?

जस्टिस सीटी रविकुमार और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. बेंच ने आरोपी पति के चचेरे भाई की पत्नी पायल शर्मा के खिलाफ 2020 की एफआईआर व चार्जशीट को रद्द कर दिया. पायल को पीड़िता के पिता ने आरोपी बताया था. याचिकाकर्ता पहले पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंची और मामला रद्द करने से इनकार करने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवादा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट जांच करने के लिए बाध्य है कि क्या पति के दूर के रिश्तेदारों पर आरोप गलत था? आरोप तय होने पर पहले भी आरोपपत्र को रद्द करने के लिए CRPC की धारा 482 के तहत याचिका दायर की जा सकती है.

रिश्तेदार शब्द पर कोर्ट की टिप्पणी

कोर्ट ने कहा कि रिश्तेदार शब्द को कानून में परिभाषित नहीं किया गया है. इसलिए इसे एक अर्थ दिया जाना चाहिए, जिससे आम तौर पर समझा जाता है. इसमें किसी व्यक्ति का पिता, माता, बेटा, बेटी, भाई, बहन, भतीजा, भतीजी, पोता या पोती किसी व्यक्ति के जीवनसाथी को शामिल किया जा सकता है.

कब हुई थी कपल की शादी?

जानकारी के अनुसार पहले आरोपी अमित शर्मा और वंदना शर्मा की शादी 23 फरवरी, 2019 को हुई थी. मार्च 2019 में अमित कनाडा चला गया और वंदना अपने ससुराल वालों के साथ जलंधर में चली गई. इसके बाद वंदना 2 दिसंबर 2019 को कनाडा गई. इसके बाद 22 सितंबर 2020 को अमित ने अपनी पत्नी वंदना से तलाक लेने के लिए कनाडा की फैमिली कोर्ट में याचिका दायर की. 3 दिसंबर को वंदना के पिता ने एफआईआर दर्ज कराई. जिसमें याचिकाकर्ता और उसके पति सहित सभी आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग अपराधों के आरोप लगाए गए थे.

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