'ऑपरेशन सिंदूर' से ले लिया मां-बहनों की मांग धोने का बदला, जानें भारतीय सेना के इस ऑपरेशन के बारे में
भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की, जो पहलगाम आतंकी हमले का जवाब था. इस सीमित और गैर-उत्तेजक कार्रवाई में 12 आतंकवादी मारे गए. ‘सिंदूर’ नाम नारी सम्मान का प्रतीक है, और यह ऑपरेशन भारत की बदलती रणनीति और आतंक के खिलाफ उसकी स्पष्ट नीति को दर्शाता है.

भारतीय सेना ने सोमवार देर रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में मौजूद आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की. सरकार के अनुसार, कुल 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया, जो भारत पर आतंकी हमलों की साजिशों में शामिल थे. प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि यह कार्रवाई बेहद संयमित, संतुलित और गैर-उत्तेजक रही, जिसमें पाकिस्तानी सेना के किसी भी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया. खबरों के मुताबिक, इन हमलों में 12 आतंकवादी मारे गए हैं.
यह सैन्य कार्रवाई पहलगाम में हुए उस आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और 1 नेपाली की नृशंस हत्या कर दी गई थी. भारत सरकार ने पहले ही वादा किया था कि इस हमले के दोषियों को सजा दी जाएगी, और 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए उस वादे को निभाया गया. आइये जानते हैं कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ क्या है...
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना द्वारा आतंकवाद के खिलाफ की गई एक निर्णायक सैन्य कार्रवाई है, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में अंजाम दी गई. इस हमले में 25 भारतीयों और एक नेपाली नागरिक की हत्या हुई थी. इसके बाद भारतीय सेना ने मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए एयरस्ट्राइक की. इस अभियान को 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिया गया, जो न सिर्फ सैन्य प्रतिशोध का प्रतीक है, बल्कि इसमें सांस्कृतिक और भावनात्मक संदेश भी निहित है.
क्या था इसका उद्देश्य?
'ऑपरेशन सिंदूर' का उद्देश्य आतंकियों के अड्डों को खत्म करना था, न कि किसी देश की संप्रभुता पर हमला करना. रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि भारत ने पूरी संयमित और केंद्रित रणनीति के तहत यह कार्रवाई की. इस अभियान में स्टैंडऑफ हथियारों और दृश्य सीमा से परे क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया ताकि आम नागरिकों और असैन्य ठिकानों को कोई नुकसान न हो. भारत ने यह स्पष्ट कर दिया कि यह हमला केवल आतंकवाद के खिलाफ था, और इसमें कोई भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाना निशाना नहीं बनाया गया.
सिंदूर नाम के पीछे है गहरा संदेश
इस ऑपरेशन के नाम के पीछे भी एक गहरा संदेश छुपा है. जब पहलगाम में आतंकियों ने हमला किया, तो उन्होंने वहां मौजूद महिलाओं को नुकसान नहीं पहुंचाया. भारतीय अधिकारियों के अनुसार, यह संकेत देता है कि हमला नारी अस्मिता को चोट पहुंचाने की योजना का हिस्सा था. 'सिंदूर' विवाहित महिलाओं के सम्मान और पहचान का प्रतीक है, और भारत ने इसी प्रतीक के जरिए यह जवाब दिया कि महिलाओं की गरिमा पर हमला अब सीधे युद्ध के समान माना जाएगा.
भारत ने तीसरी बार किया स्ट्राइक
'ऑपरेशन सिंदूर' भारत की उस बदली हुई नीति का परिचायक है, जहां अब प्रतिक्रिया सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि ठोस सैन्य कार्रवाई में दी जाती है. 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट हमले के बाद यह तीसरी बार है जब भारत ने सीमा पार जाकर जवाब दिया है. यह पाकिस्तान को यह संकेत देता है कि अगर वह आतंक को पनाह देगा, तो भारत चुप नहीं बैठेगा. इस हमले के बाद पाकिस्तान में घबराहट साफ देखी गई, कई आतंकी ठिकानों को खाली कराया गया और 48 घंटे के लिए उसका हवाई क्षेत्र बंद कर दिया गया.
अब पाकिस्तान क्या करेगा?
भारतीय सेना ने इस अभियान को सफल बताते हुए सोशल मीडिया पर 'न्याय हुआ' का मैसेज शेयर किया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ऑपरेशन सिंदूर की सराहना करते हुए इसे भारत की निर्णायक शक्ति का प्रदर्शन बताया. अब पूरे देश की नजर इस पर है कि पाकिस्तान आगे किस दिशा में बढ़ता है. क्या वह आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करेगा या फिर पहले की तरह उसे शह देता रहेगा. 'ऑपरेशन सिंदूर' केवल एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि भारत की नई रणनीतिक सोच का प्रतीक बन चुका है.