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क्या है Operation Numkhor? भूटान से आ रही थीं लक्ज़री कारे और फंस गए बड़े- बड़े स्टार- जानें कैसे

भूटान से लक्ज़री कारों की तस्करी के खुलासे ने बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है. ऑपरेशन ‘नुमखोर’ के तहत एजेंसियों ने ऐसे नेटवर्क का पर्दाफाश किया, जिसमें कई बड़े नाम और सितारे फंसते नजर आ रहे हैं. फर्जी कागजात और टैक्स चोरी के जरिए कारें भारत लाई जा रही थीं. इस हेरा-फेरी में नेताओं, अफसरों और कारोबारियों के लिंक भी सामने आ रहे हैं. जांच एजेंसियां अब पूरे सिंडिकेट की तह तक जाने में जुट गई हैं.

क्या है Operation Numkhor? भूटान से आ रही थीं लक्ज़री कारे और फंस गए बड़े- बड़े स्टार- जानें कैसे
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( Image Source:  Sora_ AI )
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Published on: 24 Sept 2025 9:17 PM

केरल में कस्टम्स विभाग ने हाल ही में एक बड़े लक्ज़री कार तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस जांच को ‘ऑपरेशन नुमखोर’ नाम दिया गया है. छापेमारी का निशाना बने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के कई बड़े नाम, जिनमें दुलकर सलमान, पृथ्वीराज सुकुमारन और अमिथ चक्कलक्कल शामिल हैं. अधिकारियों के अनुसार, यह नेटवर्क भूटान से अवैध तरीके से हाई-एंड गाड़ियां भारत लाकर फर्जी दस्तावेजों से रजिस्टर्ड कराता था, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान हुआ.

छापों के दौरान दुलकर सलमान से जुड़ी दो गाड़ियां और अमिथ चक्कलक्कल की कई कारें जब्त की गईं. हालांकि पृथ्वीराज सुकुमारन के घर से कोई वाहन नहीं लिया गया. फिलहाल इन सितारों को कार स्वामित्व और खरीद से जुड़े दस्तावेज जमा करने के आदेश दिए गए हैं. जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि ये सितारे अनजाने में इस रैकेट का हिस्सा बने या फिर उन्हें अवैध आयात की जानकारी थी.

क्या है ऑपरेशन नुमखोर?

कस्टम्स विभाग ने इस लक्ज़री कार स्मगलिंग जांच को ‘ऑपरेशन नुमखोर’ नाम दिया है. ‘नुमखोर’ भूटानी भाषा में ‘वाहन’ को कहा जाता है, जो इस रैकेट की जड़ यानी भूटान से गाड़ियों की तस्करी की ओर इशारा करता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, भूटान से महंगी गाड़ियां (कभी-कभी रॉयल भूटान आर्मी द्वारा छोड़ी गई SUV भी) भारत लाई जाती थीं और फिर फर्जी दस्तावेजों के सहारे उन्हें हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में रजिस्टर्ड कराया जाता था। इसके बाद इन्हें केरल लाकर नए नंबर प्लेट दिए जाते थे और अमीर खरीदारों को बेच दिया जाता था.

कैसे चलता था लक्ज़री कार स्मगलिंग रैकेट?

जांच में सामने आया है कि तस्कर गाड़ियों को कई तरीकों से भारत लाते थे, कभी कंटेनरों में, कभी टूटे-फूटे (knocked down) हिस्सों में, और कभी पर्यटक वाहनों के रूप में. इसके बाद एजेंट्स नकली NOC, फर्जी आर्मी/फॉरेन मिशन की सील, जाली बिल और बोगस पते का इस्तेमाल करके गाड़ियों को पंजीकृत कराते थे. गाड़ियों को पहले HP सीरीज जैसे नंबर मिलते और बाद में री-रजिस्ट्रेशन या ट्रांसफर के जरिए इन्हें ‘क्लीन’ कर दिया जाता. डिजिटल पोर्टल और ट्रांसपोर्ट ऐप्स के रिकॉर्ड के साथ भी छेड़छाड़ की जाती थी ताकि कागजों पर सब कुछ वैध दिखे.

सितारे क्यों आए जांच के घेरे में?

दुलकर सलमान, पृथ्वीराज सुकुमारन और अमिथ चक्कलक्कल का नाम इसलिए जांच में आया क्योंकि उनके नाम पर पंजीकृत गाड़ियां इस रैकेट के ट्रेल में मिलीं. दुलकर से जुड़ी दो कारें जब्त हुईं. अमिथ चक्कलक्कल की कई गाड़ियां कब्जे में ली गईं. पृथ्वीराज के घर छापेमारी तो हुई लेकिन वहां से कोई वाहन जब्त नहीं हुआ.

क्या अभिनेता दोषी हैं?

अभी तक यह साबित नहीं हुआ है कि अभिनेता खुद तस्करी या फर्जीवाड़े में शामिल थे. संभव है कि उन्होंने भरोसेमंद डीलरों से गाड़ियां खरीदी हों और उन्हें इस रैकेट की जानकारी न रही हो. कस्टम्स विभाग ने इनसे खरीद समझौते, पंजीकरण और टैक्स से जुड़े दस्तावेज जमा करने को कहा है. जांच का अगला कदम इन्हीं कागजों पर निर्भर करेगा.

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