वसीम रिजवी को नहीं पसंद आया हिंदू ब्राह्मण बनना, अब बदल डाली अपनी जाति, जानिए क्या है नया नाम
उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहे वसीम रिजवी ने धर्म बदलने के बाद अह अपनी जाति भी बदल ली है. उन्हें अब ब्राह्मण धर्म भी पसंद नहीं आया है. एक समय था जब वह सपा के खास नेता हुआ करते थे और अब उनकी नजदीकी सीएम योगी से बताई जाती है.

Syed Waseem Rizvi- Jitendra Narayan Singh Sengar: शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने साल 2021 में इस्लाम छोड़ हिंदू धर्म अपनाया था और अब उन्हें हिंदू धर्म में अपनी अपनाई जाति भी नहीं पसंद आई. हिंदू धर्म अपनाने के बाद वसीम रिजवी ने अपना नाम जितेंद्र नारायण त्यागी कर लिया था, जो एक ब्राह्मण हो गए थे. लेकिन भईया अब रिजवी साहब को अपनी जाति ही पसंद नहीं आई तो उन्होंने अब ठाकुर बनने का फैसला लिया. इसके साथ ही उन्होंने अपना नाम भी बदल डाला. अब वह जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर हो गए हैं.
वसीम रिजवी को गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के मुख्य पुजारी स्वामी यति नरसिंहानंद ने हिंदू धर्म में परिवर्तित किया था. नरसिंहानंद ने बताया कि धर्म परिवर्तन के बाद रिजवी का नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी होगा. उस समय रिजवी ने कहा था कि मुझे इस्लाम से निकाल दिया गया. हर शुक्रवार को मेरे सिर पर इनाम की राशि बढ़ा दी जाती है. आज मैं सनातन धर्म अपना रहा हूं.
कौन हैं वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर?
वसीम रिजवी उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष थे और साल 2020 तक वह एक दशक से अधिक समय तक इस पद पर रहे थे. रेलवे के द्वितीय श्रेणी कर्मचारी के बेटे रिजवी ने कभी कॉलेज की पढ़ाई पूरी नहीं की. उन्होंने 2000 में समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य के रूप में लखनऊ में स्थानीय निकाय चुनाव लड़ा था. वे पुराने शहर लखनऊ के कश्मीरी मोहल्ला वार्ड से पार्षद चुने गए थे. सपा में रहते हुए रिजवी को पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान का करीबी माना जाता था.
2008 में रिजवी शिया वक्फ बोर्ड के सदस्य बन गए. इस पद पर रहते हुए उनके और प्रभावशाली शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद के बीच तीखे मतभेद हो गए. उन्होंने उन पर धन की हेराफेरी का आरोप लगाया था. 2012 में कल्बे जवाद से मतभेद के बाद रिजवी को सपा से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था. इसके कारण शिया वक्फ बोर्ड भी भंग हो गया था. हालांकि, रिजवी को कोर्ट से राहत मिली और बाद में उन्हें फिर से बहाल कर दिया गया.
2017 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद रिजवी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ नजदीकियां बढ़ाते हुए देखा गया था. इसके बाद ही वसीम रिजवी ने हिंदू धर्म अपनाकर खुद को त्यागी समुदाय से जोड़ लिया था. वसीम रिजवी अब जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के नाम से जाने लगे और फिर अब उन्हें जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर के नाम से जाना जाएगा.